सम्मेलन के दौरान तय किया गया कि समाज में बेरोजगारी की समस्या एक बड़ी समस्या है, इसके लिए समाज के लोग भी आगे आए और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में भागीदारी निभाए। सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर में भी युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग करे, ताकि बेरोजगारी जैसी समस्या को खत्म किया जा सके। इसके अलावा मृत्यु भोज जैसी प्रथा को कम किया जाए, और मृत्यु भोज के नाम पर जो बड़ी राशि खर्च की जाती है, उसे सीमित करे। इसी प्रकार समाज में दहेज रहित विवाह के आयोजन और कम खर्चें में विवाह को प्रेरित किया जाए। जो परिवार बिना दहेज की शादियां करवाते हैं, उन्हें प्रेरित किया जाए ताकि दूसरे लोग भी इसके लिए आगे आए। आयोजन समिति के बाबूलाल गौड़ ने बताया कि इस आयोजन में अनेक संगठनों ने भागीदारी निभाई और यह सहमति जताई कि समाज के विकास के लिए सभी एकजुट होकर कार्य करेंगे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदराजीव सिन्हा सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।
बिना मंच के किया कार्यक्रम
आयोजन समिति की ओर से समाज के कार्यक्रमों से मंच व्यवस्था को समाप्त करने के लिए भी कार्य किया जाए। समाज के पदाधिकारियों के अनुसार इसके पीछे उद्देश्य यहीं है कि समाज के कार्यक्रम में कोई खुद को छोटा बड़ा न समझे, बल्कि एकसाथ बैठकर कार्यक्रम में भागीदार बने। रविवार को आयोजित कार्यक्रम में भी मंच नहीं रखा गया था, सिर्फ माइक पर बारी-बारी से पहुंचकर वक्ता अपनी बात रख रहे थे।
कार्यक्रम के दौरान समाज की राजनीतिक सहभागिता पर भी चर्चा की गई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि जो भी दल समाज को अधिक से अधिक सहभागिता देगा, समाज उन्हें समर्थन करेगा।
– युवाओं के रोजगार और स्वरोजगार के लिए आगे आए समाज
– दहेज रहित विवाह के आयोजन
– समाज में उपजाति बंधन खत्म करना
– सभी संगठन मिलकर कार्य करें
– समाज के कार्यक्रमों से मंच व्यवस्था खत्म करना