दरअसल, बैठक में एक अफसर गंभीर विषय पर चर्चा के दौरान हंस रहे थे, इससे दत्ता नाराज हो गए। खटलापुरा घाट पर निगम की सात शाखाओं के अफसरों की ड्यूटी थी, पर अधिकतर घटना के वक्त मौजूद नहीं थे। बैठक में स्पॉट फाइन की अच्छी वसूली करने वाले तीन एएचओ को पुरस्कृत किया गया।
हादसे की जांच शुरू: 15 दिन में लोग दे सकेंगे साक्ष्य
एडीएम सतीश कुमार ने खटलापुरा हादसे की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने मंगलवार को आम सूचना जारी कर 15 दिन में लोगों को साक्ष्य देने के लिए कहा है। इसके अलावा घाट पर तैनात किए गए एवं मॉनीटरिंग करने वाले अधिकारियों को बयान देने के लिए बुलाया जाएगा।
तालाब में बेतरतीब बिछाया जाल जब्त
झील संरक्षण प्रकोष्ठ ने मंगलवार को बड़े तालाब में बिछाया गया करीब 40 किग्रा. वजनी जाल जब्त किया। गौरतलब है कि दो दिन पहले मछली पकडऩे के लिए लगाए जाल में क्रूज फंस गया था। निगम अफसरों के मुताबिक मछुआरों को समझाइश दी जा रही है कि क्रूज और नौकाओं के आने-जाने वाली मार्ग पर जाल न बिछाएं। इससे तालाब में किसी भी तरह के हादसों को रोका जा सके।
अधिकारी बोले- ऐसे करेंगे नावों की मॉनीटरिंग
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक भोपाल प्लस एप से नावों की मॉनीटरिंग की जाएगी। दावा है कि एप से ये पता लगाया जा सकेगा कि तालाब में नाव उतरी है तो वह कितनी दूरी पर है और इसमें कितने लोग सवार हैं। नाव खतरनाक जगह तो नहीं जा रही और इसमें बैठे यात्रियों ने लाइफ जैकेट पहनी है या नहीं। ये मॉनीटरिंग ऑनलाइन की होगी। हालांकि स्मार्ट सिटी का सिस्टम ट्रैफिक की मॉनीटरिंग के लिए स्थापित किया गया है। ऐसे में अधिकारियों को ये पता नहीं है कि पानी में उतरने वाली नावों में कौन से उपकरण लगाए जाएंगे।
नंबर से होगी नाव मालिक की पहचान
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पंजीयन के बाद नाव पर स्टील की प्लेट लगाई जाएगी, जिस पर नंबर और तालाब का नाम दर्ज होगा। इस नंबर के आधार पर भोपाल प्लस एप में नाव से जुड़ी सभी जानकारी दी जाएंगी। मंगलवार तक नगर निगम ने बड़ा तालाब में 83 तो छोटे तालाब के लिए 70 का पंजीयन किया। हालांकि फिटनेस संबंधी पेच अभी जस का तस है।