कर्णिका मिश्रा, भोपाल
भोपाल के सेमरा कला की रहने वाली कर्णिका मिश्रा ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में 300 में से 300 अंक हासिल कर टॉप किया है। वो प्रदेश के उन 15 बच्चों में से एक हैं जिन्होंने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में टॉप किया है। मां की लाडली कर्णिका ने मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया। कर्णिका के पिता नहीं हैं और मां प्राइवेट नौकरी करती हैं। कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई कर टॉप करने वाली कर्णिका ने अपनी सफलता के लिए मां, परिवारवालों और स्कूल के टीचर्स को श्रेय दिया है।
कार्तिक शर्मा, वल्लभ नगर, भोपाल
भोपाल के ही वल्लभ नगर के रहने वाले कार्तिक ने भी मुश्किल हालातों में कामयाबी की दास्तां लिखी। कार्तिक ने 99% के साथ प्रदेश की टॉप लिस्ट में जगह बनाई है। कार्तिक के पिता दूसरों के घरों में खाना बनाते हैं और बेटे की कामयाबी पर काफी खुश हैं। बेटे के मैरिट में आने पर कार्तिक के पिता भावुक हो गए। आंखों में खुशी के आंसू लिए कार्तिक के पिता कृपाशंकर शर्मा ने बताया कि उनकी दो बेटियां और एक बेटा है जिनमें से एक बेटी की शादी हो चुकी है और एक बेटी 12वीं में है। बड़ी ही मेहनत कर बच्चों को पढ़ा रहा हूं और बेटे की इस कामयाबी ने मेरी मेहनत को सफल कर दिया।
मंदाकिनी कुशवाहा, छतरपुर
परिस्थितियों को पीछे छोड़ कामयाबी की इबारत लिखनी वाली एक और बेटी है छतरपुर की मंदाकिनी कुशवाहा। मंदाकिनी ने स्टेट मैरिट लिस्ट में आठवां स्थान हासिल किया है। मंदाकिनी के पिता शंकरदीन महज 12वीं तक पढ़े हैं लेकिन बच्चों को अच्छे से पढ़ाने की इच्छा रखने वाले शंकरदीन बताते हैं कि वो खुद तो नहीं ज्यादा नहीं पढ़ पाए पर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बच्चे अच्छे से पढ़ सकें इसलिए 9 साल पहले गांव से शहर आ गए। शहर में एक छोटी सी किराने की दुकान खोलकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। बेटी का रिजल्ट देखकर पिता शंकरदीन की आंखें भर आईं तो वहीं बेटी भी माता-पिता के संघर्ष को याद कर खुशी से रो पड़ी ।