नगरीय प्रशासन विभाग ने तर्क दिया है कि नगर पालिका पुनर्गठन की प्रक्रिया आचार संहिता के पहले शुरू हो गई थी। इसके लिए दावे-आपत्तियां आमंत्रित कराई जा चुकी है। प्राप्त दावे आपत्तियों पर कलेक्टर का अभिमत चाहिए, इसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया कर दी जाएगी। तर्क ये भी है कि नवंबर 2019 में नगर पालिका के चुनाव कराने हैं। तय शेड्यूल के तहत चुनाव से छह माह पहले वार्ड आरक्षण का नियम है। यदि प्रक्रिया में देरी हुई तो नियमानुसार समय नहीं मिल पाएगा। गौरतलब है कि एक जुलाई तक कोलार को अलग नगर पालिका बनाने की प्रक्रिया पूरी करना है।
ये हैं कोलार नगर पालिका पुनर्गठन का शेड्यूल
– 30 मार्च तक परिसीमन करना – छह अप्रैल तक वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया करना
– 15 अप्रैल तक वार्ड आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी करना – 30 अप्रैल तक वार्ड की सीमा का निर्धारण करना
– एक जुलाई तक पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी करना
आपत्तियों की सुनवाई नहीं, सिर्फ कलेक्टर का अभिमत ही चाहिए कोलार नगर पालिका पुनर्गठन को लेकर मंगाई गए दावे-आपत्तियों की सुनवाई नहीं होगी। बताया जा रहा है कि आपत्तियों के आमंत्रण में स्पष्ट दर्ज किया था कि इन पर कलेक्टर अपना अभिमत देकर शासन को भेज देंगे। ऐसे में आचार संहिता में आपत्ति सुनवाई की स्थिति को भी टाल दिया गया है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि आचार संहिता के दौरान कलेक्टर अपना अभिमत देने से बच रहे हैं। गौरतलब है कि कोलार नगर पालिका पुनर्गठन को लेकर करीब 600 आपत्तियां जिला प्रशासन के पास पहुंची है।
नगर निगम की तैयारी पूरी नगर निगम ने इसके लिए दस सदस्यीय टीम बना रखी है। जीएस सलूजा के मार्गदर्शन में काम कर रही है। सलूजा का कहना है कि नगरीय प्रशासन स्तर पर क्या चल रहा है इसबारे में कहना मुश्किल है, लेकिन हमने तय शेड्यूल के अनुसार हमारी तैयारी पूरी है।