आयोग ने कहा कि प्रदूषण के मामले में भोपाल शहर का कोलार क्षेत्र सबसे ज्यादा खतरनाक है। प्रदूषण के आंकडों के मुताबिक इस क्षेत्र के हवा सबसे अधिक प्रदूषित है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 160 है। इसकी बडी वजह सडकें और ट्रैफिकही है। खराब सडकों से उडने वाली धूल, हवा में जहर घोल रही है। वाहनों से निकलने वाला धुआं हवा को प्रदूषित करने में अहम रोल अदा कर रहा है। ऐसा नहीं है कि सडकों की दुर्दशा के बारे में जिम्मेदार नहीं जानते, लेकिन इस दिशा में विशेष काम नहीं किया जा रहा है। साथ ही कोलार क्षेत्र में निर्माण कार्य भी तेजी से बढे हैं। बेतरतीब तरीके से किये जा रहे निर्माण कार्य भी हवा में जहर घोल रहे है। निर्माण साईट पर प्रदूषण को लेकर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। इन निर्माण कार्यों से उडने वाली डस्ट हवा को प्रदूषित कर रही है। ऐसे निर्माण कार्यों पर सरकारी तंत्र के नियम कायदे भी रोक नही लगा पा रहे हैं।
इसको लेकर आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने संज्ञान लेकर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश, प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, कलेक्टर व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, से दो सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने पूछा है कि इस समस्या के मुख्य कारण क्या हैं ? समस्या निवारण के लिए अब तक क्या कदम उठाये गये हैं ?
मंगलवार को 180 पहुंचा एक्यूआई
टीटी नगर में लगे सेंसर से मिले आंकड़ों के अनुसार मंगलवार दोपहर 12 बजे एक्यूआई 180 तक पहुंच गया। रात नौ बजे यह 134 पर बना हुआ था। शहर के अलग-अलग स्टेशन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चार अक्टूबर को बीते 24 घंटों में शहर का औसत एक्यूआई 112.5 दर्ज किया गया। जबकि सांस लेने के लिए हवा में एक्यूआई 50 से नीचे होना चाहिए।
टीटी नगर में लगे सेंसर से मिले आंकड़ों के अनुसार मंगलवार दोपहर 12 बजे एक्यूआई 180 तक पहुंच गया। रात नौ बजे यह 134 पर बना हुआ था। शहर के अलग-अलग स्टेशन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चार अक्टूबर को बीते 24 घंटों में शहर का औसत एक्यूआई 112.5 दर्ज किया गया। जबकि सांस लेने के लिए हवा में एक्यूआई 50 से नीचे होना चाहिए।