बारिश के बाद ही शुरू हो काम
प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों का कहना है कि इसमें दो माह का समय लगेगा और काम बारिश बाद ही शुरू होगा। ऐसे में अब अगली बारिश में ही अतिरिक्त पानी कोलार नदी से कोलार डैम में पहुंचने की उम्मीद है। गौरतलब है कि भोपाल को जलापूर्ति करने वाले कोलार डैम को उसके पूर्ण जलभराव स्तर पर पहुंचाने के लिए अतिरिक्त 35 एमसीएम पानी की व्यवस्था की जा रही है।
115 करोड़ रुपए में इस प्रोजेक्ट को 2014 में शुरू किया था। काम 2016 तक पूरा करना था, लेकिन निर्माण एजेंसी कोस्टल बैंक करप्ट हो गई। करीब छह किमी लंबी सुरंग में एक हिस्सा इतना कच्चा आया कि बार-बार कोलेप्स होने लगा। निर्माण एजेंसी को नुकसान होने लगा तो उसने काम धीमा कर दिया। कर्ज बढऩेे से खुद काम से हाथ खींचते हुए दूसरी कंपनी को सौंप दिया। अब वे काम पूरा कर रहे हैं। ऐसे में दो साल देरी हो गई।
बारिश में धमाके करना और मलबा निकालना बेहद कठिन
प्रोजेक्ट इंजीनियर बृजेंद्र साहू का कहना है कि काफी कम काम बचा है, लेकिन अब बारिश में धमाके करना और मलबा निकालना बेहद कठिन है। ऐसे में बारिश के बाद ही काम पूरा होगा। उन्होंने दावा किया कि अगले साल तो निश्चित तौर पर पानी पहुंच जाएगा।