लालजी टंडन का राजनीतिक सफर
प्रदेश के नए राज्यपाल लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 में हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस साल राजनीति से संन्यास लिया था, उसी साल 2009 में लालजी टंडन लखनऊ से लोकसभा सांसद चुने गए थे। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन बीजेपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
इनका राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ है। टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। मायावती और कल्याण सिंह की कैबिनेट में वे नगर विकास मंत्री भी रह चुके हैं। कुछ दिनों तक वे नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं।
मध्यप्रदेश में अबतक बने कुल 27 राज्यपाल
मध्यप्रदेश में अभी तक कुल 27 राज्यपाल रहे हैं। इसमें राजनीति की पिच पर सफल पारी खेलने वालों में साथ अन्य क्षेत्र में विशेष योग्यता रखने वाले भी शामिल रहे। यहां उत्तर प्रदेश तो टॉप में रहा। अन्य राज्यों की बात करें तो कर्नाटक और हरियाणा के दो-दो व्यक्ति राज्यपाल रहे, अन्य प्रदेश के लोगों को भी मौका मिला। निरंजन नाथ वांचू ही एक मात्र थे जो मध्यप्रदेश के निवासी होने के साथ यहीं के राज्यपाल बने। वे सतना रहने वाले थे। वे अक्टूबर 1977 से अगस्त 1978 तक मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे।
मध्यप्रदेश के राजभवन में उत्तर प्रदेश का दबदबा
यह महज संयोग ही है कि मध्यप्रदेश के राजभवन में उत्तर प्रदेश का दबदबा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अभी तक यहां राज्यपाल रहे सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश निवासी रहे हैं। इनमें कुंवर मेहमूद अली, रामनरेश यादव और राम प्रकाश गुप्त शामिल हैं। मनोनीत राज्यपाल लालजी टंडन भी उत्तर प्रदेश निवासी हैं। वे 29 जुलाई से मध्यप्रदेश में नई पारी की शुरूआत करने जा रहे हैं।