छिंदवाड़ा विवाद के बाद उठे कदम
दरअसल, हाल ही में छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हेलीकाप्टर को उतारने की अनुमति नहीं दिए जाने के कलेक्टर के आदेश पर विवाद हुआ था। मामले की जांच अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को सौंपी गई थी। उनकी रिपोर्ट में कलेक्टर को तो क्लीनचिट मिल गई थी, लेकिन विवाद की वजह विमानन विभागों के पुराने नियमों को बताते हुए उनमें बदलाव की सिफारिश की थी। इसी के आधार पर विभाग ने नए निर्देश जारी किए। इसके तहत अब प्रदेश की हवाई पट्टी व हेलीपेड्स का उपयोग नागर विमानन निर्देशालय (डीजीसीए) के नियमों के तहत होगा।
2010 से नहीं बढ़ा था शुल्क प्रदेश में विमानों व हेलीकाप्टर के लैंडिंग व पार्किंग शुल्क नौ साल पुराने दर पर वसूला जा रहा था। आदेश में कहा गया है कि 2010 में तय दर की तुलना में मौद्रिक मूल्य बढ़ा है और एयरपोर्ट अॅथारिटी ऑफ इंडिया ने भी शुल्क में वृद्धि की है। इसलिए राज्य सरकार के हवाई पट्टी के उपयोग के शुल्क में वृद्धि की गई है।
विमान उतारने के लिए मिलेगा अतिरिक्त समय प्रदेश के विमानन विभाग ने सबसे बड़ा बदलाव विमान व हेलीकाप्टर के उतारने में किया है। पहले हवाई पट्टी के उपयोग के लिए सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक की ही अनुमति थी। अब इसे डीजीसीए के विजुअल फ्लाइट रूल्स के तहत कर दिया गया है। मौसम खुला रहने पर अब प्रदेश की हवाई पट्टियों से सूर्यादय से 20 मिनट पहले और सूर्यास्त से 20 मिनट बाद तक उड़ान भरी जा सकेगी और विमान उतारे जा सकेंगे। हवाई पट्टी व हेलीपैड्स के इस्तेमाल के लिए न्यूनतम सुरक्षा जरूरतों पर भी डीजीसीए के नियम लागू होंगे।