वहीं मत्री पीसी शर्मा ने शेरा की वापसी के बाद उनके परिवार को भोपाल आते ही अपने साथ ले जाने वाले मंत्री पीसी शर्मा PC sharma ने कहा है कि सुरेंद्र सिंह शेरा हमारे परिवार के सदस्य हैं। वहीं तीनों मिसिंग विधायक पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि जैसे सुरेंद्र सिंह शेरा political drama in mp आए हैं वैसे वह भी आ जाएंगे, सुरेंद्र सिंह शेरा की नाराजगी दूर कर दी गई है।
इधर ऐसे बढ़ा भाजपा BJP में डर! बड़े नेता कर रहे निगरानी…
वहीं दूसरी ओर भाजपा में इन दिनो अपने कुछ विधायकों bjp MLAs को लेकर तनाव पैदा हो गया है। दरअसल नारायण त्रिपाठी और शरद कोल के कांग्रेस का साथ देने की अटकलों को लेकर भाजपा केंद्रीय संगठन के निर्देश पर किलेबंदी पर ध्यान दे रही है। इसके मद्देनजर भाजपा ने बड़े नेताओं को रोजाना अपने क्षेत्र के विधायकों से फोन bjp in tension पर बात करने की जिम्मेदारी दी है।
संगठन मंत्री और जिलाध्यक्षों से कहा गया है कि सभी की अप्रत्यक्ष रूप से निगरानी की जाए। यदि किसी का फोन बंद होता है या कहीं आने-जाने की खबर मिलती है तो उसकी जानकारी नरोत्तम मिश्रा narottam mishra और शिवराज चौहान को दी जाए।
शेरा ऐसे आए वापस…
दरअसल पिछले कई दिनों से लापता विधायक शेरा की ओर से शुक्रवार को जारी वीडियो में बताया गया था कि बेंगलुरू में कई जगह उनका लोगों द्वारा पीछा किया गया, जिसके चलते उनकी पहली फ्लाइट मिस हो गई, वहीं इसी दिन उनकी सीएम कमलनाथ से भी बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने शनिवार को भोपाल आ जाने की बात कही थी।
ऐसे में शेरा शनिवार को दिल्ली की फ्लाइट से भोपाल पहुंचे, वहीं उनकी यह यात्रा उस समय चर्चा का विषय बन गई जब इसी फ्लाइट में भाजपा के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के होने व उनकी शेरा से करीब एक घंटे तक बातचीत होने वाली बात सामने आई।
दरअसल ‘लापता’ हुए निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अपने परिवार के साथ भोपाल शनिवार को भोपाल पहुंचे, यहां उनको एयरपोर्ट पर लेने जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा भी पहुंचे।
बेटी के इलाज के लिए बंगलूरू में था: शेरा
निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने बंगलूरू से भोपाल वापस आने पर कहा, ‘मैं अपनी बेटी के इलाज के लिए बंगलूरू में था। मुझे किसी ने बंधक बनाकर नहीं रखा था। मैं जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करुंगा।’
इसके बाद शेरा सीएम कमलनाथ से मुलाकात करने चले गए। लेकिन इस पूरी यात्रा में सबसे हैरानी की बात यह रही कि बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा भी उसी फ्लाइट से भोपाल आए है जिससे शेरा आए। ऐसे में राजधानी में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
वहीं भोपाल पहुंचते ही शेरा मंत्री पीसी शर्मा pc sharma की गाड़ी में परिवार सहित बैठ कर एयरपोर्ट से निकल गए। जिसके बाद वे kamal nath कमलनाथ से मिलने पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ व निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के बीच political drama in mp तमाम बातों को लेकर चर्चा meeting भी हुई।
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक शेरा दोपहर की फ्लाइट से दिल्ली से वापस लौटे हैं। यहां शेरा ने कहा कि वह अब भी कांग्रेस के पक्ष में हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें अगवा नहीं किया गया है। जबकि कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह उसके विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है ताकि राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर जाएं। वहीं, अभी भी कांग्रेस के तीन विधायक हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और रघुराज कंसाना के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।
इससे पहले जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने राजा भोज हवाईअड्डे पर विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा का स्वागत किया और उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर ले गए।
मीडिया से बातचीत के दौरान शेरा ने इस बात को खारिज कर दिया कि उन्हें किसी के द्वारा अगवा किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे किसी ने अगवा नहीं किया था। शेर को कोई भी अगवा नहीं कर सकता है। लेकिन मेरी बंगलूरू से आ रही फ्लाइट में देरी करने के प्रयास किए गए थे। शेरा ने यह भी कहा कि मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया और बंगलूरू में हवाई अड्डे के रास्ते पर रोक दिया गया। इसलिए मेरी फ्लाइट छूट गई।
मध्य प्रदेश में पथरिया से बसपा के रमाबाई, भिंड से संजीव कुशवाहा अनूपपुर सीट से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल, सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग, सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना, मुरैना से कांग्रेस विधायक रघुराज कंसाना, दिमनी से कांग्रेस विधायक गिर्राज दंडोतिया, गोहद से कांग्रेस विधायक विधायक रणवीर जाटव, सपा विधायक राजेश शुक्ला और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ऐसे नेता हैं, जिनकी वजह से मप्र सरकार पर संकट के बादल छा गए थे।
दरअसल मध्य प्रदेश के 230 सदस्यों वाले सदन में फिलहाल दो सीटें रिक्त हैं, जहां उपचुनाव होने हैं। कमलनाथ सरकार को सपा के एक, बसपा के दो, चार निर्दलीय और कांग्रेस के 114 सदस्यों समेत कुल 121 सदस्यों का समर्थन हासिल है। ऐसे में बीजेपी के पास 107 सदस्य हैं, वहीं बहुमत के लिए बीजेपी को सिर्फ नौ सदस्यों की जरूरत है।
मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे ने मप्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले दिनों सीएम और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सभी विधायकों से बातचीत की। लेकिन दो विधायकों बिसाहूलाल सिंह और रघुराज कंसाना से बात नहीं हुई। बंगलूरू में मौजूद चार विधायकों में से निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की वापसी हो ही गई है। वहीं तीन अन्य विधायक बिसाहूलाल, रघुराज और डंग के जल्द ही भोपाल लौटने की खबरें भी आनी शुरू हो गईं हैं।
माना जा रहा है कि संकट से उबरने के लिए कमलनाथ और दिग्विजय ने मंत्रिमंडल में नाराज विधायकों को जगह देने के लिए फॉर्मूला तैयार किया है। जिसके लिए कुछ भरोसेमंद मंत्रियों के इस्तीफे लिए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के साथ वैधानिक पहलुओं को लेकर चर्चा की। दिग्विजय पहले ही बजट सत्र के बाद कैबिनेट विस्तार के संकेत दे चुके हैं।
सुरेंद्र सिंह शेरा ने अपने बयान में ये भी कहा कि 25 साल political drama in mp से कमलनाथ के साथ हूं। आल इज वेल। होली से पहले कमलनाथ मंत्रिमण्डल latest changes in Political drama in MP में दिखूंगा। मैं मंत्री बनूंगा।