कभी विचार करना मन अच्छे कार्यों की ओर कम जाना पसंद करता है और बुरे कार्यों की ओर जल्दी लगता है यही बुराईयां हमें रसातल में ले जाकर पतन का कारण बनती हैं, जो मन की मानते हैं वह दुखी रहते हैं मन की मानने की जगह मन को बनाना सीख लो, मन को मनाने की कला सीखिये, मन का उद्वेग मनुष्य के विवेक को समाप्त कर देता है। मर्यादाओं का आनंद, व्यवहार की कटुता, संबंधों में खटास, शांति में खलल यह सब मन की चंचलता कराती है, जो मन को मनाने और मोडऩे में समर्थ होता है उसका व्यवहार सहज, व सकारात्मक होता है जीवन में शांति का अनुभव करता है। मुनि प्रमाण सागर महाराज, मुनि प्रसाद सागर महाराज, मुनि शैल सागर महाराज, मुनि अरह सागर महाराज एवं मुनि निकलंक सागर महाराज का शाहपुरा जैन मन्दिर से दोपहर सामयिक के बाद पद विहार हुआ और मुनिसंघ जवाहर चौक जैन मन्दिर पहुंचे यहां दिगम्बर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु की अगुवाई में धर्मावलम्बियों ने मुनिसंघ के चरण पखारकर पाद प्रच्छालन कर भव्य अगवानी की और शंका समाधान का कार्यक्रम जवाहर चौक जैन मन्दिर विद्या सागर परिसर में हुआ ।