– जांच के बाद इंदौर भेजा
वन विहार के वन्यप्राणी विशेषज्ञ डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि इंदौर से रेंजर सहित वन अधिकारी तेंदुए को लेकर दोपहर 12 बजे राज्य पशु चिकित्सालय पहुंचे। मैंने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया। बेहोश करने योग्य पाए जाने पर उसे ट्रंक्यूलाइज किया। दोपहर एक से 2.30 बजे के बीच सीटी स्कैन सफलतापूर्वक हुआ। इसके बाद उसे होश में आने के लिए दवाएं दी गई पूरी तरह होश में आने के बाद शाम चार बजे नर तेंदुए को इंदौर रवाना कर दिया गया।
– हाथी के एक्स-रे की भी है सुविधा
राज्य पशु चिकित्सालय देश का पहला ऐसा चिकित्सालय है, जहां जानवरों की लगभग हर बड़ी जांच की सुविधा है। देश में सिर्फ चार जगह ही जानवरों का सीटी स्कैन किया जाता है। राजधानी के इस अस्पताल में हाथी के एक्स-रे की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही यहां जानवरों की एंडोस्कोपी, सोनोग्राफी, कलर डॉप्लर और फिजियोथैरेपी जैसी सुविधाएं भी हैं।
– 10 साल हुआ था भालू का सीटी स्कैन
राज्य पशु चिकित्सालय में आधुनिक मशीनों से वन विहार और चिडिय़ाघर के कई प्राणियों का इलाज होता रहता है, लेकिन जंगल में स्वतंत्र विचरण करने वाले किसी हिंसक पशु का सीटी स्कैन यहां पहली बार हुआ। तेंदुए की आक्रामकता को देखते हुए चिकित्सकों ने विशेष सावधानी बरती। ऐसे मामले प्रदेश में बेहद कम रिपोर्ट हुए है। इससे 10 साल पहले वन विहार के एक भालू को लगातार मिर्गी आने की समस्या होने पर डॉ. अतुल गुप्ता ने सीटी स्कैन की आवश्यकता जताई थी, तब 10 नम्बर स्थित एक निजी लैब को खाली कराकर विशेष तौर पर भालू को वहां ले जाकर सीटी स्कैन किया गया था।
अस्पताल में जानवरों के लिए लगभग सभी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं सरकार ने उपलब्ध कराई है। यह देश का इकलौता ऐसा केन्द्र है जहां इतनी सुविधाएं दी जाती हैं।
– डॉ. एचएल साहू, डिप्टी डायरेक्टर, राज्य पशु चिकित्सालय