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भोपाल

तेंदुए के सिर में हैं 40 छर्रे, घाव भरे तो नहीं दिखते

– राज्य पशु चिकित्सालय : पहली बार हुआ वन्यप्राणी का सिटी स्कैन – इंदौर से लाए गए तेंदुए के साथ हुई थी बर्बरता- आंखों की रोशनी वापस आने की उम्मीद नहीं

भोपालSep 22, 2020 / 12:43 am

anil chaudhary

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भोपाल. प्रदेश में अपनी तरह के अनोखे और संभवत: पहले मामले में सोमवार को इंदौर से लाए गए तेंदुए का सीटी स्कैन जहांगीराबाद स्थित राज्य पशु चिकित्सालय में किया गया। इसमें तेंदुए के सिर में 40 से अधिक छर्रे होने का पता चला है। अंदेशा है कि किसी ने बर्बरता से गोली मारकर इसे बुरी तरह घायल किया है, जिसके चलते तेंदुए की आंखें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और पूरे सिर में जगह-जगह लोहे के छर्रे फंसे हुए हैं। स्कैन के बाद तेंदुए को इंदौर रवाना कर दिया गया है।
राज्य पशु चिकित्सालय के डिप्टी डायरेक्टर एचएल साहू ने बताया कि नर तेंदुए को सोमवार दोपहर चिकित्सालय लाया गया, जहां सर्तकता के साथ उसे बेहोश करने के बाद उसका सीटी स्कैन किया गया। अभी सीटी स्कैन रिपोर्ट नहीं सौंपी गई हैं, लेकिन प्रथम दृष्टतया सिर में बाहरी पदार्थ दिख रहे हैं, जो छर्रे भी हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार तेंदुए के सिर में इतने बुरी तरह छर्रे फंसे देखकर चिकित्सक हैरान हैं। यह छर्रे लगभग दो महीने पहले गोली मारने से इसके सिर में घुसे हो सकते हैं, क्योंकि इंदौर वन विभाग की ओर से रेस्क्यू किए जाने के समय ही इसके घाव भर चुके थे और ऊपर से घाव नजर नहीं आने के चलते चिकित्सक समस्या का पूरा अंदाजा नहीं लगा पा रहे थे।

– जांच के बाद इंदौर भेजा
वन विहार के वन्यप्राणी विशेषज्ञ डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि इंदौर से रेंजर सहित वन अधिकारी तेंदुए को लेकर दोपहर 12 बजे राज्य पशु चिकित्सालय पहुंचे। मैंने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया। बेहोश करने योग्य पाए जाने पर उसे ट्रंक्यूलाइज किया। दोपहर एक से 2.30 बजे के बीच सीटी स्कैन सफलतापूर्वक हुआ। इसके बाद उसे होश में आने के लिए दवाएं दी गई पूरी तरह होश में आने के बाद शाम चार बजे नर तेंदुए को इंदौर रवाना कर दिया गया।
– हाथी के एक्स-रे की भी है सुविधा
राज्य पशु चिकित्सालय देश का पहला ऐसा चिकित्सालय है, जहां जानवरों की लगभग हर बड़ी जांच की सुविधा है। देश में सिर्फ चार जगह ही जानवरों का सीटी स्कैन किया जाता है। राजधानी के इस अस्पताल में हाथी के एक्स-रे की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही यहां जानवरों की एंडोस्कोपी, सोनोग्राफी, कलर डॉप्लर और फिजियोथैरेपी जैसी सुविधाएं भी हैं।
– 10 साल हुआ था भालू का सीटी स्कैन
राज्य पशु चिकित्सालय में आधुनिक मशीनों से वन विहार और चिडिय़ाघर के कई प्राणियों का इलाज होता रहता है, लेकिन जंगल में स्वतंत्र विचरण करने वाले किसी हिंसक पशु का सीटी स्कैन यहां पहली बार हुआ। तेंदुए की आक्रामकता को देखते हुए चिकित्सकों ने विशेष सावधानी बरती। ऐसे मामले प्रदेश में बेहद कम रिपोर्ट हुए है। इससे 10 साल पहले वन विहार के एक भालू को लगातार मिर्गी आने की समस्या होने पर डॉ. अतुल गुप्ता ने सीटी स्कैन की आवश्यकता जताई थी, तब 10 नम्बर स्थित एक निजी लैब को खाली कराकर विशेष तौर पर भालू को वहां ले जाकर सीटी स्कैन किया गया था।

अस्पताल में जानवरों के लिए लगभग सभी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं सरकार ने उपलब्ध कराई है। यह देश का इकलौता ऐसा केन्द्र है जहां इतनी सुविधाएं दी जाती हैं।
– डॉ. एचएल साहू, डिप्टी डायरेक्टर, राज्य पशु चिकित्सालय

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