प्रशासन या सरकार का ध्यान नहीं दे रही
शराब के इन शौकीन लोगों को न तो अपने घर और परिवार की चिंता है और न ही इनको कोरोना का डर। ऐसे में सरकार को इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। सरकार ने शराब की दुकान तो खोल दी है लेकिन इस तरह की घटनाओं पर प्रशासन या सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है।
दिन पर दिन बढ़ती जा रही संख्या
सड़क के किनारे पडे इन लोगों को प्रशासन का भी डर नहीं है। सबसे खास बात ये है कि एक बाइक पर दो व्यक्ति अगर कहीं काम से भी जा रहे है तो पुलिस उन पर कार्रवाई कर रही है जबकि सड़क के किनारे शराब पीकर पड़े लोगों को कोई पूछने वाला है। कार्रवाई आदि नहीें होने से अब स़ड़क के किनारे शराब पीकर पड़े लोगों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
बुजुर्ग दादी बॉटल लेकर चलता बनी
लगभग ढाई माह से परेशान हो रहे शराब के शौकीन को मंगलवार शाम राहत मिली। जैसे ही शराब की दुकानें खुली वैसे ही शराब के शौकीनों की दुकानों के बाहर लाइन लग गई। यहां तक की लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना भी भूल गए। शराब की दुकान खुलते ही लंबी लंबी लाइनें लग गई। इन लाइनों में युवा से लेकर बुजुर्गों की भ़ीड दिखाई दी। सब अपने बारी का इंतजार कर रहे थे और पैसे देकर अपनी बॉटल लेकर जा रहे थे। इतने में ही अचानक एक बुजुर्ग दादी तेजी तेजी कदमों के साथ शराब की दुकानें की आ रही थी जब कोई समझ पता तब तक दादी ने रुपए निकाले और दुकानदार से बॉटल देने को कहा। बुजुर्ग दादी का जैसे ही दुकानदार ने बॉटल थमाई वैसे ही बुजुर्ग दादी बॉटल लेकर चलता बनी।