एमपी में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है यानि राज्य की सभी 29 सीटें जीत ली हैं। यह स्थिति तब है जब बीजेपी को अन्य बड़े राज्यों यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि में जबर्दस्त नुकसान हुआ है। यहां तक कि पार्टी के गढ़ माने जाते राजस्थान, गुजरात आदि प्रदेशों में भी बीजेपी की सीटें घटी हैं।
यह भी पढ़ें : बड़ी खबर : एमपी में बीजेपी के बड़े नेता की तबियत बिगड़ी, डॉक्टरों ने अस्पताल में समर्थकों को रोका एमपी एकमात्र ऐसा बड़ा राज्य है जहां इस बार पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी की सीटें बढ़ रहीं हैं। पिछले चुनाव में यहां पार्टी को 28 सीटें मिली थीं। पड़ौसी राजस्थान में जहां बीजेपी पिछली बार की तुलना में करीब 10 सीटें गंवा रही है वहीं एमपी में बीजेपी नेताओं ने छिंदवाड़ा जैसा कांग्रेसी गढ़ भी जीत लिया।
एमपी में सरकार और संगठन के गजब के समन्वय ने पार्टी को यह सफलता दिलाई। सीएम मोहन यादव और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने मिशन 29 के लिए मानो दिन—रात एक कर दिए थे। लोकसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरा प्रदेश छान डाला था। उन्होंने 180 चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इतना ही नहीं, सीएम मोहन यादव ने 58 रोड शो भी किए।
इसी प्रकार प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी पूरे प्रदेश में घूमे और चुनाव प्रचार किया। वे प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर पहुंचे। प्रदेश की 171 विधान सभा सीटों पर जाकर प्रचार किया या कार्यकर्ताओं की बैठके लीं। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा इस दौरान 192 कार्यक्रमों में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तो दूसरे प्रदेशों में भी प्रचार करने गए। उन्होंने देश के 12 राज्यों में जाकर 72 लोकसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया।
बीजेपी ने क्लीन स्वीप के लिए ठोस प्लान बनाया। चुनाव के दौरान 10 हजार 99 शक्ति केंद्रों पर पथ सभा यानि नुक्कड़ सभाएं की। 2070 पार्टी नेताओं ने इन सभाओं को संबोधित किया। इन नुक्कड़ सभाओं के जरिए पार्टी 20 लाख से ज्यादा लोगों के रूबरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रत्येक बूथ पर 370 वोट का लक्ष्य हासिल करने के लिए भी पार्टी ने कई अभियान चलाए।