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भोपाल

MP Assembly: इन बड़े फैसलों को मिली हरी झंड़ी रेप पर फांसी के कानून को मंजूरी

दो दिनों के अवकाश के बाद सोमवार को सुबह पुन: मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ।

भोपालDec 04, 2017 / 11:24 am

दीपेश तिवारी

MLA raised question in assembly denies government

MLA raised question in assembly denies government

भोपाल। दो दिवसीय अवकाश के बाद सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र पुन: शुरू हुआ। इस दौरान यहां कई बार हो चुके हंगामे हल्ले के बाद आखिरकार रेप पर फांसी कानून को सदन की मंजूरी मिल ही गई। अब सदन में इसकी मंजूरी मिलने के बाद अब इसे पास कराने के लिए केंद्र में भेजा जाएगा। इससे पहले कई बार सीएम कई जगहों पर इस कानून को लाए जाने की घोषणा कर चुके थे। पिछले दिनों भी इस कानून को लेकर सदन में काफी गहमा गहमी की स्थिति बनी थी, लेकिन सोमवार को सदन द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई।
इससे पहले रेप के मामले में फांसी तक की सजा के प्रावधान का विधेयक पर चर्चा के दौरान गोविन्द सिंह ने कानून के दुरूपयोग की बात उठाई। यहां उन्होंने भिंड में दुरुपयोग का उदहारण देते हुए अरुणा शर्मा के लेख का हवाला भी दिया।
जबकि पूर्व में मध्य प्रदेश कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी थी, जिसके तहत 12 साल या उससे कम उम्र की लड़की से रेप या गैंगरेप के दोषी को फांसी दी जाएगी। सीएम शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया।
ज्ञात हो कि पिछले महीने राजधानी में कोचिंग से लौट रही एक स्टूडेंट के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया था। इसके बाद राज्य में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
केबिनेट में ये मिली थी मंजूरी:
दंड विधि (मध्य प्रदेश अमेंडमेंट बिल) 2017 में बदलाव करते हुए धारा-376ए में ए-डी को भी जोड़ा गया। वहीं नए बिल में यह भी कहा गया है कि रेप या गैंगरेप के दोषियों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा शादी का झांसा देकर संबंध बनाना भी अपराध माना जाएगा और इसके लिए सजा दी जाएगी।
इससे पहले सदन की शुरुआत में खंडवा में विवादित पोस्टर के मामले पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि माहौल बिगड़ने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। वहीं वे बलात्कार पर भी आज पास होने वाले विधेयक पर भी बोले। वहीं इस अवसर पर बाबूलाल गौर ने विधानसभा में प्याज के मुद्दे पर प्रश्न उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
पेच परियोजना सिंचाईं को लेकर सदन में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष में विवाद हुआ। जिसके बाद निर्दलीय विधायक दिनेश राय मुनमुन गर्भगृह में जा पहुंचे।

प्रश्नकाल में उठा मामला
इस दौरान राय का आरोप था कि प्रभावशाली व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए एक क्षेत्र को पानी दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री सदन में गलत जानकारी दे रहे हैं। साथ ही कहा कि यदि उनकी बात गलत साबित हो तो वे सदन से इस्तीफा दे देंगे।
इसके बाद निर्दलीय विधायक दिनेश राय मुनमुन ने सदन में किया जमकर हंगामा किया। पेंच परियोजना से सिवनी के लाल माटी क्षेत्र में पानी न मिलने से वे नाराज़ थे। इससे पहले भी 5 बार वह ये सवाल सदन में उठा चुके हैं।
– इधर, CONGRESS विधायक लाखन सिंह यादव ने भितरवार में कृषक संगोष्ठी में BJP नेताओ को आमंत्रण पत्र भेजकर बुलाने का मामला प्रश्काल में उठाया…
BJP के मंडल अध्यक्ष से लेकर किसान मोर्चा के नेताओं को किस प्रोटोकॉल के तहत सरकारी कार्यक्रम में बुलाया गया…उन्होंने पूछा कि आमंत्रण पत्र में किस प्रोटोकाल के तहत BJP नेताओं के नाम छापे गए…प्रोटोकॉल का उलंघन करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही हो।
इस प्रश्न के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक ने प्रश्न पूछते वक्त आपत्तिजनक टिप्पणी भी करने की बात सामने आ रही है।

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा हर कांग्रेस विधायक के क्षेत्र में ऐसी घटना हो रही है BJP नेताओ को सरकारी कार्यक्रम बुलाया जाता है ,उनके नाम आमंत्रण पत्र में छपते है..यह स्वस्थ परंपरा नही…. जिसके बाद संदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोक भी हुई।

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