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भोपाल

लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा फैसला, सेवादल की सभी इकाइयां भंग

लोकसभा चुनाव 2019 में हुई कांग्रेस की हार के बाद बड़े पैमाने पर बदलाव की कवायद शुरू हो गई है। कांग्रेस ने अपनी सेवादल की मध्यप्रदेश इकाई और सभी जिला इकाइयों की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है…।

भोपालMay 28, 2019 / 07:12 pm

Manish Gite

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लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा फैसला, सेवादल की सभी इकाइयां भंग

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाते हुए अपनी सेवादल की मध्यप्रदेश इकाई को भंग कर दिया है। साथ ही प्रदेश की सभी जिला इकाइयों की भी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। अब आने वाले 15 दिनों में नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। मध्यप्रदेश में 5 जून से कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सक्रिय हो रहे हैं। माना जा रहा है कि उन्हें भी कोई अहम पद दिया जा सकता है।

मंगलवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष डा. सत्येंद्र यादव ने यह जानकारी दी। यादव ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष लालजी देसाई के निर्देशासार मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवादल की सभी इकाइयों को भंग कर दिया गया है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवादल की प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिला इकाईयों को भंग कर दिया गया है। यह जानकारी देते हुए म.प्र. कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष डॉ. सत्येन्द्र यादव ने बताया कि अ.भा.कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष श्री लालजी देसाई जी के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवादल की इकाईयों को भंग किया गया है।

यादव ने बताया कि 31 मई को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सभी सेवादल पदाधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें विभिन्न जिलों से पर्यवेक्षकों को आमंत्रित किया जा रहा है। यह पर्यवेक्षक अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में पहुंचकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप देंगे।

 

 

सेवादल की नई कार्यकारिणी बनेगी
मुख्यालय में रिपोर्ट मिलने के बाद 20 जून तक नई प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिला कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा। डा. यादव के मुताबिक इस बैठक में प्रदेश महिला संगठ, यंग ब्रेगेड और सेवादल के सीनियर पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है।
आरएसएस के मुकाबले बनी थी सेवादल
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने सेवादल की स्थापना की थी। लेकिन, वो मजबूती के साथ संघ का मुकाबला नहीं कर पाई। खुद अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझती रही।
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