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भोपाल

पनामा पेपर्स के बाद पैराडाइज पेपर्स में भी MP कनेक्शन!

पैराडाइज पेपर्स में जिगित्सा हेल्थकेयर कंपनी में मॉरीशस की कंपनी के निवेश का खुलासा हुआ है।

भोपालNov 07, 2017 / 07:32 pm

दीपेश तिवारी

paradise papers
भोपाल। पनामा पेपर्स खुलासे के बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस का संचालन करने वाली जिगित्सा हेल्थकेयर कंपनी के विदेशी निवेश का खुलासा पैराडाइज पेपर्स में हुआ है। जानकारी के मुताबिक पैराडाइज पेपर्स में जिगित्सा हेल्थकेयर कंपनी में मॉरीशस की कंपनी के निवेश का खुलासा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार मॉरिशस स्थित रेडेक एक्स लिमिटेड कंपनी ने जिगित्सा हेल्थकेयर में निवेश किया था जिसका नाम मार्च साल 2008 में ग्लोबल मेडिकल रिस्पॉन्स इन इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था। इसी कंपनी का निवेश जिगित्सा हेल्थ केयर में हुआ।
ये हैं खास बातें…
– जिगित्सा कंपनी राजस्थान में ब्लैकलिस्टेड है, कंपनी पर करोड़ों के एंबुलेंस घोटाले का आरोप है।
– कंपनी के डायरेक्टर कृष्णा रवि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता वायलार रवि के बेटे हैं।
– कंपनी से काफी लंबे वक्त तक पी चिदंबरम के बेटे कीर्ति चिदंबरम जुड़े रहे।
– घोटाले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट का भी नाम जांच के दायरे में है।
– मामले में सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है।
– हाल में ही ईडी ने कंपनी की 12 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया है।
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में सितंबर 2015 में जब कंपनी को टेंडर दिया गया, उसी समय सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए थे।

ये हैं कंपनी के पदाधिकारी?
नरेश जैन: कंपनी के को-फाउंडर नरेश जैन के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं। राजस्थान में घोटाले के आरोप की जांच में फंसी जिगित्सा हेल्थकेयर कंपनी की टेंडरिंग के दौरान हुए घपले में सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है। इसमें नरेश जैन के अलावा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी शामिल रहा है।
रवि कृष्णा: रवि कृष्णा पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के बेटे हैं। रवि कृष्णा कंपनी के को-फाउंडर और डायरेक्टर भी हैं। राजस्थान विधानसभा में 2012 में 108 एंबुलेंस के संचालन में हुए घोटाले में रवि कृष्णा का नाम सामने आया था।
शफि माथेर: शफि माथेर के भी बड़े नेताओं के साथ संबंध रहे हैं। कभी केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के करीबी कहे जाने वाले माथेर, कुछ वक्त के लिए राहुल गांधी के भी एडवाइजर रहे हैं।
इससे पहले पनामा पेपर्स लीक में भी आ चुका है नाम:
दुनिया भर में चर्चित पनामा पेपर्स लीक का कनेक्शन मध्यप्रदेश से भी कुछ माह पहले ही जुड़ गया था। भोपाल में संजय विजय सिंह शिंदे के ठिकानों पर चार दिनों तक चली छापेमारी में आयकर विभाग को शिंदे के विदेशों में 30 करोड़ रुपए से अधिक का कालाधन जमा होने के दस्तावेज मिले थे। संजय विजय शिंदे का नाम पनामा पेपर्स में आया था और कहा जा रहा था कि करीब 4 साल पहले गोवा से आकर शिंदे भोपाल में रिसोर्ट और एडवेंचर्स स्पोर्ट्स का कारोबार कर रहा था। सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग के बड़े अधिकारी ने दावा किया कि सेन्ट्रल इंडिया में पनामा पेपर्स लीक मामले में शिंदे के रुप में पहला मामला मिला, जिसका विदेशों में कालाधन जमा होने का प्रमाण मिला था।
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