इससे फसलों में 30 फीसदी से ज्यादा नुकसान बताया जा रहा है। गुरुवार शाम को क्षेत्र में 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली और 20 मिनट में 1.6 सेमी बारिश हुई। तेज आंधी को देखकर किसानों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए बारिश के बीच खेतों पर पहुंचकर तिरपालों से ढंकने का प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास काम न आ सके।
शहर के आसपास के पडरिया, बमूरिया, रावंसर, भौंराखाती, भौंराखाती, जमाखेड़ी, कोलुआ और कोलुआ सहित जिले के चार दर्जन से अधिक गांवों की खेतों में कटी रखी फसलें उड़ गईं। कटी हुई जो फसलें बचीं, वह बारिश में भीगकर गीली हो गईं। इससे शुक्रवार को सुबह किसान उड़ी फसलों को समेट और गीली फसलों को सुखाने के लिए पलटने में जुट गए। इससे दोपहर दो बजे तक किसान फसलों को सुखाने के लिए खेतों में पलटते दिखे।
भीगने से 30 फीसदी से ज्यादा नुकसान
किसानों का कहना है कि तेज हवा और बारिश की वजह से पकी खड़ी चना की फसल की फलियां टूटकर गिर गईं और कटी फसल भीग जाने से फलियों के दाने फूल गए। इससे फसलों में फफूंद लगने की आशंका है। वहीं फूले हुए दाने भी सूखकर दागी हो जाएंगे। इससे उत्पादन के साथ रेट पर भी अंतर पड़ेगा। इसके अलावा गेहूं की फसल टूटकर गिर जाने से जहां हरे पौधों में दाने छोटे रह जाएंगे और कटाई में भी परेशानी होगी। साथ ही गेहूं की चमक भी गायब हो जाएगी।
तेज आंधी की वजह से जहां फसलों में तो नुकसान हुआ ही, वहीं बिजली व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई। आंधी से दर्जनों खंभे टूट गए और लाइन में भी जगह-जगह फॉल्ट आ गए। इससे शाम सात बजे से जिलेभर के ग्रामीण क्षेत्र की बिजली सप्लाई बंद हो गई और रातभर ग्रामीण क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा। बिजली कंपनी ने शुक्रवार को लाइन में सुधारी, इससे कई जगहों पर दोपहर एक बजे के बाद बिजली सप्लाई चालू हो सकी और ज्यादातर गांवों में शाम तक बिजली चालू नहीं हो सकी।
– सीताराम अहिरवार, किसान रावंसर
– बादलसिंह कुशवाह, किसान