जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कमलनाथ कैबिनेट की बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भोपाल में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जमीन आवंटित की जाएगी। साथ ही नेसकॉम से आईटी विभाग एमओयू साइन करेगा। आदिवासी इलाके में गैर-आदिवासी जमीन का डायवर्सन आसानी से करने के लिए एमपी भू-संहिता में संशोधन किया है। इससे संबंधित दो धाराएं भी खत्म कर दी गई है। मध्यप्रदेश में सभी विभागों के कर्मचािरयों के लिए एक आयोग बनाया जाएगा, जिसमें चार सदस्य होंगे। कर्मचारियों के मामले में अलग-अलग विभागों के मुद्दे पर वो निर्णय देंगे, जिसे सरकार लागू करेगी। झाबुआ में ढाई लाख रुपए लाइब्रेरी के लिए मंजूर दे दी गई।
123 आवासीय स्कूलों का संचालन की सोसायटी का गठन किया गया है, जिसमें आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए एकलव्य शालाएं हैं। यह राज्य सरकार की सोसायटी होगी। इसका प्रबंधन एक अनुदान प्राप्त संस्था के रूप में होगा।
इसके बाद परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता में की दो धाराएं खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब आदिवासी क्षेत्रों में सामान्य व्यक्ति भी अपनी भूमि का डायवर्सन कर सकेगा। दस साल से पहले इसका डायवर्सन नहीं करा पाते थे। मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता में धारा 165 (6) और 172 (6) का प्रावधान खत्म कर दिया गया है।
आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ेंगी चिकित्सा सुविधा
स्वास्थ्य विभाग ने भी अपने विभाग के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए 20 आदिवासी जिले में नर्स, पैरामेडिकल की कमी दूर की जाएगी, जिसके उनको आवास, प्रोत्साहन भत्ता वेतन के अलावा अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
उज्जैन में होगी कैबिनेट बैठक
उधर, खबर है कि कमलनाथ सरकार की अगली कैबिनेट बैठक महाकाल की नगरी उज्जैन में होगी। यह सात दिसंबर को प्रस्तावित है। इसमें महाकाल मंदिर के विस्तार और सौंदर्यीकरण को लेकर चर्चा होगी। राज्य सरकार ने इसके लिए 300 करोड़ रुपए की कार्ययोजना भी तैयार की है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ महाकाल मंदिर का विकास काशी के विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर करना चाहते हैं। उसी तर्ज पर राज्य सरकार ने भी इसकी कार्ययोजना तैयार की है। उज्जैन के मुद्दे पर उज्जैन में ही इसके लिए कैबिनेट बैठक रखी जा रही है। यह बैठक 7 दिसंबर को प्रस्तावित है। इसके लिए प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, अध्यात्म मंत्री पीसी शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह और मुख्य सचिव एसआर मोहंती की एक कमेटी भी बनाई गई है। अध्यात्म विभाग अगस्त में तीन चरण में मंदिर के विस्तार और सौंदर्यीकरण की करीब तीन सौ करोड़ रुपए की कार्ययोजना प्रस्तुत कर चुका है।