मध्यप्रदेश में इस बार तापमान के तीखे तेवर देखने को मिले। खजुराहो का तापमान तो इस बार 49 तक पहुंच गया था। आलम यह रहा कि इस गर्मी में पर्यटकों की संख्या भी नहीं के बराबर रही।
यह है पिछले 24 घंटों का हाल
-मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान रीवा, सागर और ग्वालियर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। शेष संभागों के जिलों का मौसम मुख्यतः शुष्क रहा।
मध्यप्रदेश में इस बार सबसे ज्यादा तापमान वाला जिला खजुराहो रहा। यहां 46.2 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया। इससे पहले गर्मी का यह आलम रहा कि खजुराहो का तापमान 49 डिग्री को टच कर गया। खजुराहो का तापमान कल से धीरे-धीरे कम होना शुरू होगा, जो अगले सप्ताह 6 जून तक 43 डिग्री तक पहुंचने की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश की राजधानी में तापमान 45 डिग्री से नीचे उतरकर 43 के आसपास आ गया है। यह तापमान अगले सप्ताह तक 42 और 43 के बीच बना रहने की संभावना है।
मालवा अंचल का इंदौर जिले में पारा 412 डिग्री पर बना हुआ है। यह तापमान अगले सप्ताह तक 42 और 41 के बीच बना रहेगा। यहां का न्यूनतम तापमान भी 26 से 27 डिग्री के बीच बना रहेगा।
जबलपुर में गुरुवार का तापमान 44.6 रिकार्ड किया गया। जबकि आने वाले पूरे सप्ताह तक यह तापमान 42 से 44 के बीच बना रहने की संभावना जताई गई है। ग्वालियर में अभी बढ़ेगी गर्मी
मौसम विभाग ने चेताया है कि मध्यप्रदेश के उत्तरी क्षेत्र के ग्वालियर में तापमान 43.4 पर बना हुआ है, इसके और बढ़ने की संभावना है। ग्वालियर का तापमान अगले सप्ताह तक 45 तक पहुंच सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल रीवा संभाग में भी गर्मी से राहत मिलने के अभी आसार नहीं है। गुरुवार को 43.8 डिग्री रिकार्ड किया गया। यहां पड़ सकती है बौछारें
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक प्रदेश के रीवा, जबलपुर, चंबल और शहडोल संभागों के जिले तथा अलीराजपुर, झाबुआ, नीमच, मंदसौर, शिवपुरी, ग्वालियर, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, बैतूल, होशंगाबाद एवं खरगौन जिलों में कहीं-कहीं पानी की बौछारें पड़ने की संभावना है। जबकि कई जगहों पर गरज-चमक के साथ हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
मध्यप्रदेश के छतरपुर, दमोह, उमरिया और होशंगाबाद जिलों में शुक्रवार को भी लू चलने की संभावना है। इसके अलावा कई जगहों पर 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। जबकि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के उमरिया, जबलपुर, छतरपुर, दमोह एवं होशंगाबाद जिले में लू का प्रभाव रहा।