scriptmahashivratri 2019: कई बार रूप बदलता है यह शिवलिंग, पारे से किया जाता है अभिषेक | mahashivratri 2019: amazing shivling in madhya pradesh | Patrika News
भोपाल

mahashivratri 2019: कई बार रूप बदलता है यह शिवलिंग, पारे से किया जाता है अभिषेक

mahashivratri 2019: कई बार रूप बदलता है यह शिवलिंग, पारे से किया जाता है अभिषेक

भोपालFeb 28, 2019 / 08:01 pm

Manish Gite

mahashivratri

mahashivratri 2019: कई बार रूप बदलता है यह शिवलिंग, पारे से किया जाता है अभिषेक


भोपाल। शिवजी के भक्तों की दुनिया ही अलग है। उनकी श्रद्धा ही है कि विश्व में अनोखे और अनूठे शिवलिंग कई हैं। भोजपुर का विश्व प्रसिद्ध मंदिर हो, तिलक सिंदूर हो या पचमढ़ी का जटाशंकर महादेव। हर एक शिवलिंग का अपना अलग ही महत्व है।

patrika.com महाशिवरात्रि 2019 के मौके पर आपको बताने जा रहा है ऐसे ही अनूठे शिवलिंग की कहानी जो प्राचीन तो नहीं है, लेकिन भक्तों के सहयोग से दुनियाभर में अनूठा बन गया है।

 

MP के भोपाल में स्थित है पारदेश्वर शिवलिंग
पं. रामदास बताते हैं कि मात्र 16 साल पहले बने इस मंदिर में पहले हनुमानजी की प्रतिमा थी। इसके बाद हरिद्वार के निरंजन अखाड़े के गरीबदासजी से छह माह तक दीक्षा ग्रहण करने के बाद यह शिवलिंग की स्थापना हो सकी।

 

देशी-विदेशों भक्तों ने एकत्र किया पारा
पारदेश्वर महादेव के नाम से ही स्पष्ट है कि यह पारे से निर्मित है। पंडित रामदास ने बताया कि यह शिवलिंग सवा क्विंटल पारे से निर्मित है। इसके लिए देश के साथ ही विदेशों में रहने वाले लोगों ने भी पारा जुटाकर शिवलिंग निर्माण कराया।


छह माह लगे शिवलिंग बनाने में
इस अनूठे शिवलिंग का निर्माण आसान नहीं था। पारा चूंकि हल्की गर्मी में ही पिघल जाता है, इस लिए इसे स्वर्ण भस्म मिश्रित बनाया गया है। इस लिए इसका निर्माण करने में छह माह का वक्त लग गया। तब अकेले शिवलिंग की स्थापना में ही 55 लाख रुपए से अधिक लागत आई थी।


हिमालय-सा अहसास देते हैं ये पेड़
मंदिर परिसर में लगे कुछ पेड़ भी अपने आप में अनोखे हैं। क्योंकि मध्यप्रदेश की आबोहवा में इनका पनपना मुश्किल था। पंडितजी कहते हैं कि यह लोगों की आस्था का ही प्रतीक है कि बर्फीले स्थान पर बढ़ने वाले ये पेड़ यहां भी पनप सके। इन पेड़ों में रुद्राक्ष का पौधा सबसे अहम था जिसे नेपाल से लाया गया था। इसकी खासबात यह है कि इसमें एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष होते हैं।

 

अक्षय वट की होती है पूजा
यहां पर अक्षय वट भी लगाया गया है, जिसकी विशेष पूजा की जाती है। इसकी हरएक पत्ती पर श्रीकृष्ण भगवान की दो उंगलियों की छाप नजर आती है। इसलिए भक्त इस पेड़ में श्रीकृष्ण का वास मानते हैं।
अनोखे हैं पारदेश्वर शिवलिंग
-यहां दूध के अलावा पारे से भी अभिषेक किया जाता है.
-जब अभिषेक शुरू होता है तो शिवलिंग मणि के समान चमकते हैं। वहीं अभिषेक होने पर स्वर्ण के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।
-लोगों की मन्नते पूरी करने के कारण इस शिवलिंग के प्रति लोगों की आस्था है।
-महाशिवरात्रि और श्रावण में होता है सवा किलो पारे से अभिषेक।
-विदेशों के भक्त लगाते हैं मन्नत की अर्जी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो