सीरियल नंबर है अंकसूची की सत्यता का प्रमाण
जानकारों के अनुसार किसी भी विवि की अंकसूची या डिग्री में सीरियल नंबर का महत्व होता है। इसी नंबर से अंकसूची की सत्यता सिद्ध की जाती है। विवि से अंकसूची लेने के बाद जब स्टूडेंट किसी कंपनी, सरकारी नौकरी में आवेदन करता है और उसकी अंकसूची की वैधता को चुनौती दी जाती है। ऐसी स्थिति में इसी सीरियल नंबर से अंकसूची ट्रेस की जाती है। इससे असली या फ र्जी होने का पता चलता है। बिना सीरियल नंबर की अंकसूची पहली नजर में ही फर्जी प्रतीत होती है। ऐसे में कोई भी शक कर सकता है और उसकी जांच भी काफी मुश्किल हो जाएगी।
जानकारों के अनुसार किसी भी विवि की अंकसूची या डिग्री में सीरियल नंबर का महत्व होता है। इसी नंबर से अंकसूची की सत्यता सिद्ध की जाती है। विवि से अंकसूची लेने के बाद जब स्टूडेंट किसी कंपनी, सरकारी नौकरी में आवेदन करता है और उसकी अंकसूची की वैधता को चुनौती दी जाती है। ऐसी स्थिति में इसी सीरियल नंबर से अंकसूची ट्रेस की जाती है। इससे असली या फ र्जी होने का पता चलता है। बिना सीरियल नंबर की अंकसूची पहली नजर में ही फर्जी प्रतीत होती है। ऐसे में कोई भी शक कर सकता है और उसकी जांच भी काफी मुश्किल हो जाएगी।
ऐसा कुछ नहीं है, गोपनीय प्रक्रिया जारी
जैसा आप बता रहे हैं, वैसा कुछ नहीं है। अंकसूचियों की कुछ गोपनीय प्रक्रिया होती है, उसे ही पूरा किया जा रहा है।
रवीन्द्र आर कान्हेरे, कुलपति, भोज मुक्त विवि भोपाल
जैसा आप बता रहे हैं, वैसा कुछ नहीं है। अंकसूचियों की कुछ गोपनीय प्रक्रिया होती है, उसे ही पूरा किया जा रहा है।
रवीन्द्र आर कान्हेरे, कुलपति, भोज मुक्त विवि भोपाल