भोपाल

उल्टा है यहां, अरेंज मैरिज पर 2.5 लाख और लव मैरिज पर 5 लाख रुपए देते हैं लड़के वाले

Marriage Rules: मध्यप्रदेश में शादी को लेकर हैं अजीबोगरीब नियम

भोपालAug 03, 2019 / 06:09 pm

Muneshwar Kumar

भोपाल. शादी को लेकर हिंदुस्तान में कई नियम ( marriage rules ) हैं। कहीं लड़की वालों को तो कहीं लड़के वालों को दहेज देना पड़ता है। दहेज के लिए हर दिन हिंदुस्तान में कई बेटियां मारी जाती हैं। लव मैरिज करने वाले जोड़ों को घर छोड़ना पड़ता है। लड़की की शादी के लिए पिता को लाखों में दहेज देना पड़ता है। लेकिन मध्यप्रदेश में कुछ इलाकों में मामला बिल्कुल उल्ट है। यहां तो शादी के लिए उल्टे लड़के वालों को ही पैसे देने पड़ते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो समाज के लोग उसे स्वीकार ही नहीं करते हैं।

जी हां, मध्यप्रदेश के आदिवासियों के बीच कुछ ऐसी ही परंपरा सालों से चलती आ रही है। मध्यप्रदेश का झाबुआ जिला आदिवासी बहुल इलाका है। इस इलाके में सबसे ज्यादा आदिवासी लोग रहते हैं। इनकी परंपराएं भी अजीबोगरीब है। जिससे सुनने और समझने के बाद आपको लगेगा कि यहां तो मामला बिल्कुल ही उल्टा है। जहां दहेज की वजह से हिंदुस्तान में बेटियों की शादी नहीं होती है, वहीं झाबुआ में लड़की के घरवालों को लड़के वाले ही पैसे देते हैं।
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शादी पर 2.5 लाख रुपये
झाबुआ में ज्यादातार भील समाज के आदिवासी रहते हैं। इनकी परंपरा भी अपने आप अजीबोगरीब है। समाज के लिए बने कानून का पालन सबको करना होता है। इस समाज के नियम के अनुसार अगर किसी लड़के की अरेंज मैरिज होती है तो यहां लड़केवालों को ही 2.5 लाख रुपये लड़की के परिवार वालों को देने होते हैं। वहीं, लड़की के परिवार लोग लड़के घरवालों को एक किलो चांदी देते हैं। साथ ही दोनों परिवार के लोग समाज के लोगों को पार्टी देते हैं।
Marriage Rules
 

लव मैरिज पर पांच लाख रुपये
वहीं, आदिवासी समाज का कोई लड़का या लड़की आपस में लव मैरिज करते हैं। लड़की के घरवालों को लड़का पांच लाख रुपये देगा। जब तक लड़का यह राशि नहीं देगा, तब तक उसकी शादी समाज में मान्य नहीं होगी। पांच लाख रुपये के बाद ही लड़का और लड़की की शादी को समाज से मान्यता मिलेगी। ये परंपराएं आज भी आदिवासी समाज के लोगों में मान्य है। अगर जो लोग इस पालन नहीं करते हैं, उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
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rape

रेप पर भी है अजीबोगरीब नियम
अगर आदिवासी समाज का ही कोई लड़का रेप करता है तो उसे भारी राशि जुर्माना के तौर पर देना पड़ता है। रेप के आरोपी को सात लाख रुपया पंचायत में जमा करना होता है। उसके बाद ही पंचायत इस पर सुनवाई करती है। फिर मामले में पंचायत आरोपी को सजा सुनाती है। साथ ही समाज के लोग यह कोशिश करते हैं कि यहां का मामला पुलिस में न जाए।
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