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भोपाल

थोड़े परिवर्तन से बच सकते हैं राजधानी के सैकड़ों पेड़

पेड़ों के कटने से राजधानी में ऑक्सीजन की प्राकृतिक आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होगी और प्रदूषण भी बढ़ेगा

भोपालNov 09, 2020 / 11:42 pm

Pradeep Kumar Sharma

थोड़े परिवर्तन से बच सकते हैं राजधानी के सैकड़ों पेड़

थोड़े परिवर्तन से बच सकते हैं राजधानी के सैकड़ों पेड़

भोपाल. हबीबगंज से एमपी नगर चौराहा बोर्ड ऑफिस के सामने से जाने वाली मेट्रो लाइन जब सुभाष नगर से एमपी नगर जोन वन तक सड़क के बीचों बीच आ सकती है, तो जोन-2 में जाते हुए मेट्रो रोड के बाहर से क्यों गुजर रही है? ये सवाल उठा रहे हैं सुनील दुबे, जो वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके बाहर से गुजरने से यहां सैकड़ों पेड़ काटे जाएंगे, जबकि थोड़ा सा एलाइनमेंट में परिवर्तन कर इन्हें बचा सकते हैं। दुबे ने शासन से पेड़ों को बचाने की मांग की है।
दुबे का कहना है कि कभी हरियाली ही भोपाल की पहचान हुआ करते थे, लेकिन विकास के नाम पर सीधे रास्ता यही निकाला जाता है कि पेड़ों को काट दिया जाए, जबकि कई ऐसे विकल्प हैं, जिससे पेड़ों को बचाया जा सकता है, लेकिन ध्यान नहीं दिया जाता। उनका कहना है कि इन पेड़ों के कटने से राजधानी में ऑक्सीजन की प्राकृतिक आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होगी और प्रदूषण भी बढ़ेगा। उनकी मांग है कि सरकार यदि मेट्रो के लिए पेड़ कटवा रही है तो इससे अधिक संख्या में पौधरोपण की व्यवस्था करे, जिससे भविष्य में हरियाली भी न घटे और ऑक्सीजन भी मिलता रहे।
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