लिहाजा वह अपना विधानसभा क्षेत्र छोड़ दूसरी जगह से चुनाव लड़ने का इरादा कर रहे हैं। इनमें गोहद क्षेत्र से विधायक लाल सिंह आर्य, भोजपुर से सुरेन्द्र पटवा और सिलवानी से रामपाल सिंह के नाम प्रमुख हैं।
इधर भाजपा सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कई मंत्रियों के टिकट काटने की तैयारी में है। इसकी कमान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संभाल रखी है।
इधर भाजपा सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कई मंत्रियों के टिकट काटने की तैयारी में है। इसकी कमान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संभाल रखी है।
कुछ मंत्रियों की इसकी भनक लग गई है, तब से ये लोग पार्टी में अपना कद बनाए रखने के लिए एक बार फिर टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री बीजेपी संगठन पदाधिकारियों और सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से अपना विधानसभा क्षेत्र बदले के लिए जोर दे रहे हैं। इनको मौजूदा विधानसभा क्षेत्र से हार का डर है। इनमें मंत्री लाल सिंह आर्य भी शामिल हैं। आर्य फिलहाल भिंड के गौहद से विधायक हैं।
कांग्रेस उनपर जाटव हत्याकांड को लेकर निशाना साधती रही है। आर्य अब बैतूल के आमला से टिकट की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने आमला में चुनावी एक्सरसाइज भी शुरू कर दी है। वह कई दिनों से आमले के दौरे कर रहे हैं। जनता में पैठ बनाने के लिए आर्य पुरजोरे कोशिश कर रहे हैं।
वह बैतूल जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। लाल सिंह गौहद से अब चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है। अप्रैल में उपजे एससी एसटी आंदोलन के बाद आर्य का यहां काफी विरोध हुआ था। फिलहाल उनके खिलाफ लहर है।
वहीं, शिवराज के दूसरे मंत्री हैं सुरेंद्र पटवा। जो रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा से विधायक हैं और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री भी हैं। पटवा नीमच के मनासा से टिकट चाहते हैं। निमाड़ में पटवा परिवार का काफी प्रभाव है, हालांकि सुंदरलाल पटवा की मृत्यु के बाद कई समर्थक उनका साथ छोड़ चुके हैं।
विकासकार्यों को लेकर जनता उनका काफी समय से विरोध कर रही है। वहीं, लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह भी अपना विधानसभा क्षेत्र बदलना चाहते हैं। वह रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा से विधायक हैं। लेकिन बीते दिनों उनकी बहु की मौत का कारण उनके खिलाफ माहौल बना है।
इसलिए रामपाल भी यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।
रघुवंशी समुदाय रामपाल का भारी विरोध कर रहा है। इसलिए रामपाल विदिशा से टिकट की मांग कर रहे हैं। वहीं, विदिशा जिले की शमशाबाद सीट से सूर्यप्रकाश मीणा की भी क्षेत्र में बहुत अच्छी स्थिति नहीं है। मीणा भी इस बार सुरक्षित सीट से लड़ना चाहते हैं। उनकी आंखें होशंगाबाद और रायसेन सीट पर टिकी हैं।
रघुवंशी समुदाय रामपाल का भारी विरोध कर रहा है। इसलिए रामपाल विदिशा से टिकट की मांग कर रहे हैं। वहीं, विदिशा जिले की शमशाबाद सीट से सूर्यप्रकाश मीणा की भी क्षेत्र में बहुत अच्छी स्थिति नहीं है। मीणा भी इस बार सुरक्षित सीट से लड़ना चाहते हैं। उनकी आंखें होशंगाबाद और रायसेन सीट पर टिकी हैं।
इनके अलावा मंत्री माया सिंह, जयभानसिंह पवैया, दीपक जोशी और शरद जैन भी अपनी सीट बदलना चाहते हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी के दस मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए इस बार मौजूदा मंत्री भी अपनी सीट बदलना चाहते हैं।