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भोपाल

मिशन बर्लिन: स्पेशल 20 पावर लिफ्टिंग के साथ चार खेलों में दिखा रहे दमखम

एसओएस बालग्राम में स्पेशल ओलंपिक के लिए तैयार किया जा रहा खिलाडिय़ों को

भोपालSep 09, 2021 / 08:50 pm

mukesh vishwakarma

मिशन बर्लिन: स्पेशल 20 पावर लिफ्टिंग के साथ चार खेलों में दिखा रहे दमखम

मिशन बर्लिन: स्पेशल 20 पावर लिफ्टिंग के साथ चार खेलों में दिखा रहे दमखम

भोपाल. टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय टीम के खिलाडिय़ों ने रिकॉर्ड प्रदर्शन करते हुए पांच स्वर्ण पदक समेत 19 पदक जीते हैं। ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद अब स्पेशल ओलंपिक में भी है। इसके लिए स्पेशल ओलंपिक भारत ने कमर कस ली है। शहर के खजुरीकलां स्थित एसओएस बालग्राम में बर्लिन में होने वाले स्पेशल ओलंपिक के लिए 20 खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग दी जा रही है। एसओएस बालग्राम के डायरेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि स्पेशल ओलंपिक भारत की ओर से हमारे पास 12 खेलों की लिस्ट आई थी। जिसमें हम अपनी उपलब्धता के आधार पर 4 खेलों की तैयारी करवा रहे हैं। इस दौरान खिलाडिय़ों को खेल की रुचि के आधार पर ट्रेनिंग दी जा रही है।

इन खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सुविधाएं जिम और हेल्थ चैकअप कराया जाता है। इस प्रशिक्षण के लिए खिलाडिय़ों का दैनिक प्रशिक्षण समय सारणी बनाई गई है। जिसमें शारीरिक व्यायाम पर फोकस किया किया जाता है। साथ ही अच्छे खान-पान के साथ योगा, मेडिटेशन पर भी ध्यान दिया जाता है।

इन खेलों की हो रही है तैयारी
इन खिलाडिय़ों को पावर लिफ्टिंग, साइकिलिंग, रोलर स्केटिंग, एथलेटिक्स की तैयारी करवाई जा रही है। जिसमें वे अपना बेस्ट दे रहे हैं। बच्चे जब कोचिंग कैंप के भाग लेते हैं तो प्रशिक्षण के दौरान इन्हें खेल-कूद के साथ-साथ अन्य मनोरंजनात्मक एवं सामाजिक विकास के कौशलों को सिखाया जाता है।

शारीरिक व्यायाम के साथ पावर योग
स्पेशल ओलंपिक मध्यप्रदेश के निदेशक एहतेशामुद्दिन ने बताया कि बालग्राम के बच्चों को स्पेशल ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। इनकी प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाने इन्हें शारीरिक व्यायाम के साथ पावर योग करवाते हैं। उन्हें विशेष प्लेटफॉर्म देते हैं। जिससे खेल के साथ-साथ सामाजिक और सर्वांगिक विकास में भी मददगार साबित होता है। लॉकडाउन में भी इन खिलाडिय़ों का प्रशिक्षण प्रभावित नहीं हुआ था।

प्रशिक्षण देने के लिए पहले खुद की तैयारी
काउंसलर और कोच प्रीति चौहान ने बताया कि ये बच्चे मानसिक रूप से पिछड़े हुए हैं, इस कारण इनका मूड परिवर्तित होता है, योग्यता होते हुए भी कई बार काम करने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इस कारण इन्हे समय-समय पर प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग तकनीकों का उपयोग किया जाता है। कई बार बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए लम्बा समय भी लग जाता है। इसके लिए अत्याधिक धैर्य व सहनशीलता की आवश्यकता होती है। इन बच्चों को तैयार करने स्पेशल ओलम्पिक भारत से विशेष प्रशिक्षण लिया है। हम 4 वर्षों से स्पेशल ओलंपिक से जुड़े हैं। आत्मविश्वास व खेल के प्रति रुझान बढ़ाते हैं।

खिलाडिय़ों में पैदा करते हैं आत्मविश्वास
पावरलिफ्टिंग कोच प्रथमेश गाड ने बताया, ये खिलाड़ी शुरुआत में 5 किग्रा वजन उठाने का आत्मविश्वास नहीं रखते थे, लेकिन अब में ये स्पेशल ओलंपिक भारत की ओर से आयोजित स्टेट व नेशनल कैंप में 60 से 90 किलोग्राम से अधिक तक का वजन उठाकर 2023 में बर्लिन होने वाले स्पेशल ओलंपिक के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। दीपक कुमार ने पावर लिफ्टिंग में अच्छा प्रदर्शन देते हुए दिल्ली के नेशनल कोचिंग कैंप में 90 किलोग्राम वर्ग में अपना स्थान बनाया था। महालक्ष्मी ने 70 किलोग्राम वजन वर्ग में स्थान प्राप्त किया। बाकी दोनों बच्चों का प्रदर्शन 55 से 60 किग्रा वजन वर्ग में सहराहनीय रहा है।

किस खेल में कितने खिलाड़ी कर रहे तैयारी
पावरलिफ्टिंग: 04
साइकिलिंग: 03
रोलर स्केटिंग: 08
एथलेटिक्स: 05

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