उन्होंने डॉक्टर-कर्मचारियों को धमकाते हुए मरीजों का इलाज करने से रोक दिया। करीब दो घंटे तक कटारे के गुंडों ने अस्पताल को बंधक बनाकर रखा। इस दौरान कई मरीजों का उपचार नहीं हो सका। वहीं, अधिकतर मरीजों को अस्पताल के बाहर से लौटना पड़ा। घटना के दौरान अस्पताल में करीब 35 मरीज एडमिट थे, जिनमें 15 का आइसीयू में उपचार चल रहा है।
आइसीयू, एक्सरे, सोनोग्राफी रूम कराया बंद
पालीवाल का आरोप है कि कटारे के लोग आइसीयू, एक्सरे कक्ष, सोनोग्राफी, पैथोलॉजी लैब समेत अन्य कक्ष में बैठ गए। वहां से कर्मचारियों को बाहर भगा दिया। कर्मचारियों को धमकी दी गई कि अस्पताल में अब दिखे तो ठीक नहीं होगा।
अस्पताल के सामने खड़े किए पेट्रोल से भरे टैंकर
कटारे के गुंडे अस्पताल के सामने पेट्रोल से भरे दो टैंकर भी खड़े कर दिए थे। इससे एंबुलेंस नहीं आ सकी। मरीजों को सड़क पर उतारकर लाया गया। पार्किंग में खड़े वाहनों को भी हटा दिया गया।
सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर निकाला उन्होंने बताया कि कटारे के गुंडों ने सबूत भी नहीं छोड़ा। वे सीसीटीवी कैमरे का रिकॉर्डर ही निकालकर ले गए। डॉ. पालीवाल का कहना कि दोपहर करीब 12 बजे जब पुलिस अधिकारी आए तो कटारे के लोग डीवीआर लगा गए। पुलिस डीआवीआर का डाटा खंगाल रही है।
किराए को लेकर विवाद
जिस भवन में अस्पताल संचालित है, वह कटारे परिवार की है। डॉ. पालीवाल ने बताया कि अगस्त 2015 से अगस्त 2018 तक बिल्डिंग उन्होंने 14 लाख रुपए हर माह के किराए पर ली थी। इसका 48 लाख रुपए एडवांस जमा है। पालीवाल ने बताया कि पिछले पांच माह से किराया नहीं दिया है। इस पर कटारे ने उन्हें 2.11 करोड़ रुपए की रिकवरी नोटिस दिया था। जबकि उन्होंने कटारे से मिलकर बोला था कि एडवांस की रकम से किराया काट लें। अगले माह से किराया देंगे। हर माह की 7 तारीख को किराया देना था, लेकिन 6 को ही कटारे के लोग आ धमके।
– सतेन्द्र सिंह कुशवाह, टीआइ