बढ़ी हुई कीमतों के बाद एक सदस्य पर तकरीबन 11 लाख रुपए का बोझ आ रहा है। पिछले दिनों हुई विधानसभा आवास समिति की बैठक में यह तय किया गया कि बढ़ी हुई धनराशि के लिए अब मुख्यमंत्री कमलनाथ से निवेदन किया जाएगा। आवास समिति की अगली बैठक में सीएम को बुलाने की भी तैयारी है। समिति चाहती है कि बड़ी धनराशि भरने में सरकार सहायता करे।
कैसे लटका प्रोजेक्ट-
रचना नगर में विधायकों-सासंदों के लिए बहुमंजिला इमारत में डुप्लेक्स फ्लेट बनाने की योजना का१९९० में पंजीयन किया गया था। लेकिन इसका निर्माण २१०४-१५ में शुरू हो पाया। पहले तो इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कोई ऐजेंसी ही सामने नहीं आई। बाद में आवास संघ ने यह जिम्मेदारी ली तो रचना नगर में झुग्गियों का विस्थापन और हाईटेंशन लाइन बीच से गुजरने की समस्या सामने आ गई।
आवास संघ ने पहले 2009 के एस्टीमेट के आधार पर फ्लेट की कीमतें तय की थी। लेकिन हाईटेंशन लाइन और अतिक्रमण हटाने में खर्च हुई राशि से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गई। उधर पूर्व विधायकों-सांसदो को बैंक से लोन मिलने में दिक्कत आ रही थी। इसके चलते लंबे समय तक प्रोजेक्ट रुका रहा। ऐसे में प्रोजेक्ट को 2014 के एस्टीमेट के आधार पर बनाकर नए सिरे से फ्लेटों की कीमतें तय की गई।
आवास संघ अब विधायक-सांसदों से लीज रेंट फ्री होल्ड करने की राशि, बैंक से समय पर लोन नहीं मिलने से उस अवधि का ब्याज और निर्माण सामग्री की बढ़ी कीमत की राशि भी वसूल रहा है। इससे प्रत्येक सदस्य को 11 लाख रुपए तक का भार आ रहा है।
ईडब्ल्यूएस अब आम लोगों को
कॉलोनाइजर एक्ट के मुताबिक किसी भी प्रोजेक्ट में निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए ईडब्ल्यूएस मकान बनाने का प्रावधान है। रचना टावर प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस का प्रावधान तो किया लेकिन विधायक-सांसदों को ये आवास नियमानुसार नहीं दिए जा सकते हैं, क्योकि उनकी आय ज्यादा है। वहीं इस योजना में वर्तमान एवं पूर्व सांसद-विधायकों को ही रखने का नियम हैं। अब यह तय किया गया है कि आवास संघ ईडब्ल्यूएस बनाकर जिला प्रशासन को सौंप देगा और कलेक्टर द्वारा उसे निम्न आयवर्ग के लोगों को दिया जाएगा।
सीनियर एमआईजी-120 जूनियर एमआईजी- 80
एलआईजी- 30 ईडब्ल्यूएस- 28
— कितना ज्यादा भार – टाइप पुरानी कीमत नई कीमत एचआईजी- 50 लाख 61.50 लाख
सीनियर एमआईजी- 47.50 लाख 58 लाख
एलआईजी- 12.40 लाख 17 लाख ईडब्ल्यूएस- 6.58 लाख 9.50 लाख इस प्रोजेक्ट को बहुत मेहनत के साथ जमीन पर लाने का प्रयास किया है। लेकिन आवास संघ ने पंजीयन के समय जो कीमत तय की थी उससे अधिक पैसा लिया जा रहा है। विधायकों को लोन नहीं मिलने की अवधि का ब्याज भी आवास संघ ले रहा। इनमें छूट मिलना चाहिए। दुनिया भर का अधिभार भी सांसद-विधायकों पर लाद दिया गया है।
– यशपाल सिसोदिया, पूर्व सभापति आवास समिति
रचना टॉवर बनकर लगभग तैयार है, फिनिशिंग का काम चल रहा है। अभी तक लगभग आधे सदस्यों ने ही किश्ते जमा कराई है। बड़ी हुई राशि पर भी निर्णय नहीं हो पाया है। हम जल्द ही पजेशन देने की स्थिति में हैं। – आर.के.शर्मा, एमडी, राज्य आवास संघ