लैपटॉप और मोबाइल से भी कनेक्ट कर सकेंगे
स्टूडेंट्स अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप यहां तक कि मोबाइल पर भी इन किताबों को पढ़ सकेंगे।लायब्रेरी के लिए विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, छात्रों को पासवर्ड जारी किए जाएंगे। छात्र इस पासवर्ड के जरिए सॉफ्टवेयर को कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल से भी कनेक्ट कर सकेंगे। गांधी मेडिकल कॉलेज को मेडिसिटी के रूप में तैयार किया जा रहा है।
पांच मंजिला लायब्रेरी को तैयार किया जा रहा
पहले चरण में 497 करोड़ रुपए से ग्यारह मंजिला नया अस्पताल तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही 89 करोड़ रुपए से एकेडमिक ब्लॉक भी तैयार किया जाएगा। इसी ब्लॉक में इस पांच मंजिला लायब्रेरी को तैयार किया जा रहा है।
मोबाइल पर होगा कैटलॉग
डिजिटल डायब्रेरी होने का अर्थ है सारा काम डिजिटल होना। लायब्रेरी में ऑटोमेटिक शॉर्टिंग हो जाएगी। स्टूडेंट्स खुद एंड्रायड फोन से लाइब्रेरी के कैटलॉग को देख सकते हैं। यही नहीं किताब जमा करने के लिए छात्र को इसे एक ड्रॉप बॉक्स में डालना होगा, बाकी का काम अपने आप हो जाएगा।
यह सुविधाएं होंगी
– 05 मंजिल में से दो मंजिला ई लायब्रेरी
– 5000 किताबें और मेडिकल रिसर्च जनरल
– पूरी तरह पेपर लैस वार्किंग
– मोबाइल और लैपटॉप से भी होगी कनेक्ट
– अत्याधुनिक रीडिंग रूम