अदूरदर्शिता का भयंकर नुकसान यह है कि इनमें से कई पाठ्यक्रमों में पढऩे विद्यार्थियों का कीमती समय और धन दोनो बर्बाद हो रहे हैं। हिंदी विवि में इंजीनियरिंग के तो बीयू में एमएस सायबर लॉ के ६० प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने अपनी पढ़ाई ही बीच में छोड़ दी। दोनो ही विवि में इन पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत लगभग आधा सैकड़ा से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं।
हिंदी विवि ने ७० और बीयू ने १२ कोर्स किए बंद
हिंदी विवि ने वर्तमान सत्र से ७० पाठ्यक्रम न संचालित करने का निर्णय लिया है। इसमें हिंदी से इंजीनियरिंग का प्रमुख पाठ्यक्रम भी शामिल है। इसके लिए पैरामेडिकल, डिप्लोमा इन फॉरेन लैंग्युएज, मास्टर इन कप्यूटर साइंस जैसे कोर्स शामिल है। वहीं बरकतउल्ला विवि ने पूर्व कुलपति डॉ. एमडी तिवारी द्वारा शुए किए गए ०४ पाठ्यक्रम एमटेक बॉयोमेडिकल, एमटेक स्टेम सेल, एमएस सायबर लॉ एंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी और एमबीए इंटरनेशनल बिजनेस जैसे बड़े कोर्स शामिल हैं।
छात्र बोले
हिंदी मीडियम का छात्र होने के कारण मैने तो सोचा था कि हिंदी में पढ़ाई कर सकूंगा, लेकिन विवि की अदूरदर्शिता के कारण मुझे परेशान होना पड़ रहा है। मेरी पढ़ाई प्रभावित हुई वो अलग।
रिषभ सिंह, हिंदी विवि का पूर्व छात्र
मैने विवि से शुद्ध हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन अब मैं कहा जाऊं । माता-पिता के देहांत के बाद मेरी पढ़ाई का खर्च मेरी भाई उठा रहे हैं। एेसे में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
राकेश लोधी, हिंदी विवि का पूर्व छात्र
हमारे पास संसाधनों की कमी है। इंफ्रास्ट्रक्चर नही है। फैकल्टी नही है। एेसे में इन पाठ्यक्रम को संचालित न करने का निर्णय लिया गया है। जहां तक बच्चों के भविष्य का सवाल है इन पाठ्यक्रमों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को शिफ्ट किया जा चुका है।
– आरडी भारद्वाज, कुलपति अटलबिहारी वाजपेयी हिंदी विवि
पूर्व में कुछ पाठ्यक्रमों को सही ठंग से शुरू नही किया गया था इसलिए इन्हें बंद किया है। कुछ पाठ्यक्रमों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण उन्हें इस सत्र से शुरू नही किया जा रहा।
– डॉ. डीसी गुप्ता, कुलपति बीयू