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भोपाल

36 साल की नौकरी में तीन सौ से ज्यादा पुरस्कार

पुलिस की नौकरी के दौरान उत्कृष्ठ कार्यों के लिए अब राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयन

भोपालMar 11, 2019 / 10:18 am

शकील खान

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36 साल की नौकरी में तीन सौ से ज्यादा पुरस्कार

भोपाल। अपने काम के प्रति समपर्ण भी देशसेवा का रूप है। सरकारी नौकरी में रहते हुए अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम देने की ऐसी एक मिसाल सामने आई। पुलिस की नौकरी में रहते हुए बेहतर काम करने पर अनिल सिंह भदौरिया को अब तकद 300 से ज्यादा सम्मान मिल चुके हैं। बेहतर काम के लिए अब राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए इनका चयन हुआ है। नौकरी के साथ कई सामाजिक कार्यों में भागीदारी के लिए भी ये जाने जाते हैं। वर्तमान में लोकायुक्त में तैनात हैं।
ये वर्तमान में लोकायुक्त में तैनात हैं। इनके साथ काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों ने बताया कि अनसुलझे मामलों को सुलझाने के लिए इन्हें जाना जाता है। भदौरिया ने बताया कि बाल आरक्षक के रूप में उनकी अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। पिता भी पुलिस में थे ऐसे में काम का जज्बा था। इसे बेहतर तरीके से निभाने को लेकर अपनी तरफ से कोशिश की। इसी कारण केस में विभागीय पुरस्कार मिले।
जरुरतमंदों की मदद के लिए भी काम

नौकरी के अलावा समाज सेवा के लिए भी काम कर रहे हैं। कई बार अपने वेतन का कुछ हिस्सा अनाथ आश्रम और परेशान लोगों की मदद के लिए खर्च किया। इनका एक पहलू और भी है। हर धर्म की किताबें ये न केवल पढ़ते हैं बल्कि लोगों के बीच सर्वधर्म की सीख भी दे रहे हैं।
सबसे कम छुट्टियां लेने का रिकार्ड

नौकरी के दौरान कई ऐसे मौके आते हैं जब हर कर्मचारी को छुट्टी लेनी पड़ती है। नौकरी के प्रति समर्पण इनका ऐसा रहा कि इन्होंने अपने विभाग में दूसरे कई कर्मचारियों के मुकाबले सबसे कम छुट्टियां ली हैं। मूलत विदिशा के रहने वाले भदौरिया ने बताया कि पिछले दस सालों से भोपाल में पदस्थ हैं। इनके साथ काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों ने बताया कि अनसुलझे मामलों को सुलझाने के लिए इन्हें जाना जाता है।

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