पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगने से कृषि, उद्योग के साथ ट्रांसर्पोटेशन व्यवसाय पर असर पड़ा है। बजट में ऐसे प्रावधान हों, जिससे महंगाई पर अंकुश लगे। बुधवार को आने वाले बजट को लेकर अलग-अलग सेक्टर के एक्सट्र्स ने उम्मीदें और राय साझा की।
राज्य का बजट इंडस्ट्री एवं इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाला होना चाहिाए। हमारा राज्य कृषि के क्षेत्र में उन्नत है। किसानों के लिए बजट में ऐसे प्रावधान किए जाएं, जिससे उन्नत खेती को बढ़ावा मिल सके। अतिरिक्त टैक्स लगाने से लोगों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। – आदित्य मनयां, मार्केट एक्सपर्ट
भोपाल को झीलों का शहर कहा जाता है, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां साफ पीने का पानी नहीं मिलता। बारिश में नाले उफनते हैं। बजट में इन सभी मुद्दों को समाहित कर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना चाहिए, ताकि लोगों को फायदा मिल सके। – राधेश्याम माहेश्वरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कैट
हाल ही में केन्द्र एवं राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर जो टैक्स लगाया है, उसे वापस लेना चाहिए। पेट्रोल-डीजल की कीमतों का असर हर आदमी की जेब पर पड़ता है। उद्योग, कृषि, ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों में इसका विपरीत असर पड़ रहा है। – मुरली हरवानी, उद्योगपति
राज्य सरकार से उम्मीद है कि वह जनहितेषी बजट लाएगी। हाल ही में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स, स्टाम्प ड्यूटी एवं गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन महंगा कर टैक्स की भरपाई कर ली है। अब सरकार से उम्मीद है कि बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखेंगे। – तरु जैन, सामाजिक कार्यकर्ता
बेहतर बजट की उम्मीद है। सरकार की मौजूदा योजनाओं से लग रहा है कि बजट में आम आदमी को राहत मिलेगी। शहरों के समुचित विकास के लिए प्रभावी योजनाएं लाई जाएं, ताकि बड़ी आबादी को फायदा मिले। रोजमर्रा की चीजों पर अतिरिक्त टैक्स न लगाया जाए। चिकित्सा सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। –
विनय श्रीवास्तव, एडवोकेट
राज्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है तो एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देना होगा। कृषि में रोजगार की कमी है, इसलिए इस सेक्टर पर फोकस करने वाला बजट लाया जाए। पड़ोसी राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में सुविधाओं की कमी है। – डॉ. राधाशरण गोस्वामी, चेयरमैन, एमपी फेडरेशन