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भोपाल

कांग्रेस की हार के बाद, कोषाध्यक्ष ने कहा – कमलनाथ से मांगी जानी चाहिए काम की रिपोर्ट

प्रदेशभर में कांग्रेस को मिली सबसे बड़ी हार, प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर फेसबुक पर पोस्ट लिखा।

भोपालMay 24, 2019 / 01:41 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

Govind Goyal

Govind Goyal

भोपाल. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को छोड़कर प्रदेशभर में कांग्रेस को मिली सबसे बड़ी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर फेसबुक पर पोस्ट लिखा।

गोविंद गोयल ने अपने फेसबुक पर लिखा है कि “कमलनाथजी ने कहा था मैं अब पीसीसी अध्यक्ष पद पर समय नहीं दे पाउंगा। जिन्होने माह में केवल एक घंटे समय देकर पीसीसी संभालने की बात कहीं, उनसे रिपोर्ट ली जानी चाहिए।” वहीं दूसरे पोस्ट में लिखा कि “सिर्फ नेताओं की रणनीति एक सीट पर बड़ा नुकसान करवा दिया!”

मुख्यमंत्री लेंगे विशेष समीक्षा बैठक

खबर है कि 26 मई को मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस प्रत्याशियों, मंत्री और विधायकों की विशेष समीक्षा बैठक ले सकते हैं। जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हार राज्य सरकार को लेकर भी चिंता बढ़ा सकती है। इसके पहले कांग्रेस जल्दी ही सभी विधायक और मंत्री से चर्चा करेंगी और मंत्रीमंडल का विस्तार भी कर सकती है।

लोकसभा चुनाव में हार के ये हैं बड़े कारण

चुनाव के ठीक पहले पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक को भाजपा ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया। भाजपा ने भाषणों के साथ-साथ सोशल मीडिया में यह संदेश दिया कि देश भाजपा के हाथों में ही सुरक्षित रहेगा और मोदी सरकार आने पर आतंकवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। चुनाव के पहले एयर स्ट्राइक और एयरफोर्स के फायटर पायलट अभिनंदन की देश वापसी के मुद्दे ने जादू का काम किया और भाजपा के पक्ष में सकारात्मक माहौल बनाया।

कांगे्रस प्रदेश सरकार की किसान कर्ज माफी को ठीक से भुना नहीं पाई। आचार संहिता के पहले किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाया। उधर भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाकर दबाव बना लिया। किसानों की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ी।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ रहे थे, उधर प्रदेश के कई इलाकों में बिजली कटौती शुरू हो गई। भाजपा ने इसे दिग्विजय के लालटेन युग से जोड़ कर प्रचार का अहम हथियार बना लिया। कांग्रेस सरकार ने अघोषित बिजली कटौती करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की, लेकिन भाजपा इस मामले को भुनाने में सफल साबित हुई।

कांग्रेस प्रदेश में चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंडर करंट को भी भांप नहीं पाई। उसके पास मोदी की काट के लिए न तो चेहरे थे और ना ही वो उस स्तर का प्रचार तंत्र विकसित कर पाई। भाजपा को इस फेक्टर का सबसे ज्यादा लाभ मिला।

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