गुरुवार को शाम 4.15 बजे पहुंचे कमलनाथ ने पत्रिका के स्टाफ के साथ संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कमलनाथ ने पत्रिका के संवाददाताओं के तीखे प्रश्नों के बेबाकी से जवाब दिया। कमलनाथ से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी पत्रिका स्टाफ से रूबरू हुए थे।
Live Updates क्या बोले कमलनाथ # टिकट की बात पर कहा कि अगले दो तीन दिन में होगी टिकट कमेटी की शुरूआत # कांग्रेस संस्था विश्वास की संस्था है, आप अपने विश्वास पर इस संस्था से जुड़े है।
# भाजपा और कांग्रेस का संगठन करने का तरीका अलग है। हम धार्मिक आधारों पर राजनीति नहीं करते। हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों का देश है। हमारे देश में इतनी भाषाएं इसलिए जिंदा है। क्योंकि किसी का किसी के बीच टॉलरेंस नहीं है।
# 40 साल की राजनीति में मेेरे संबंध सभी से अच्छे है क्योंकि मैंने किसी का बुरा नहीं किया। मैं जिस भी पद पर रहा, मध्यप्रदेश के हितों की रक्षा की है। # मैंने सोचा है कि डेढ़ महीने बाद राहुल गांधी के साथ पूरे प्रदेश का दौरा बस में करेंगे।
# इनका रथ तो तीन चार करोड़ का है हमारी बस साधारण होगी। # सब साथ बैठकर इस बस से जाएंगे। # हर चुनाव एक चुनौती है। क्यों नहीं अभी। इस दफा मुझे पूरा विश्वास है। मध्यप्रदेश की जनता सीधी सादी है सरल है। इन्हें ठग लिया गया है। यही हमारी बात है कि सच्चाई का साथ दीजिए।
# भावांतर में किसको फायदा हुआ। भ्रष्टाचार फैलता है तो अव्यवस्था अपने आप आती है। # हमारा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से है और धन बल से है। हमारा मुकाबला बीजेपी से नहीं बल्कि इसकी संगठन शक्ति से है.
# सबसे ज्यादा जमीन मध्यप्रदेश के पास, टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान दें #इन्वेेस्टमेंट को डिमांड नहीं किया जा सकता इसे अट्रैक्ट कर सकते हैं। #मप्र में माइनिंग की बड़ी संभावनाएं हैं। #हमारे यहां प्रोसेसिंग यूनिट ही नहीं है इसलिए ये रॉ मटेरियल में ही चला जाता है।
#शिक्षा में सुधार की आवश्यकता है, शिक्षा का निजीकरण हेा रहा है, ये क्यों हो रहा है, आज किसी भी जिले में जाएं बच्चे सरकारी स्कूलों से निकलकर निजी स्कूलों में जा रहे हैं। पहले माता पिता बच्चों को स्कूल नहीं भेजते थे, पर हमने साक्षरता अभियान चलाया इससे लोग जागरूक हुए और बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है। इसके लिए भी क्वालिटी एजुकेशन देने की जरूरत है।
#स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत है। #मैं कहता हू कांग्रेस को वोट दो, कांग्रेस एक सोच है, हम बुनियादी बातों से शुरुआत करते हैं। #स्टार्ट आप की बातें की गईं, पर जो स्टार्ट अप शुरू करता है, उसका नाम सालभर में ही गायब हो जाता है।
#इन सब नारों से कुछ नहीं होगा, इसके लिए नीति की आवश्यकता है। #छिंदवाड़ा में हमने जितने स्किल सेंटर शुरू किए हैं, उतने विश्व के किसी भी जिले में नहीं हैं। ये हमने दस साल पहले शुरू किया था।
#मैं छिंदवाड़ा मॉडल की बात करता हूं। #ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर छिंदवाड़ा में है। आठवीं पास, दसवीं पास यहां ट्रेनिंग लेते हैं और २० हजार की नौकरी मिलती है। स्किल इंडिया का नारा देने से कुछ नहीं होगा।
# हमने होटल इंडस्ट्रीज को छिंदवाड़ा में ट्रेनिंग सेंटर खोलने को कहा। यहां बच्चों को बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया हो रहे हैं।
आज हो सकती है अखिलेश से मुलाकात
मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले उथल-पुथल तेज हो गई है। कांग्रेस ने बसपा के बाद अब सपा के साथ नजदीकियां नजर आ रही हैं। इसी सिलसिले में समाजवादी पार्टी के प्रमुख एवं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को भोपाल पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले अखिलेश यादव के साथ कमलनाथ की यह मुलाकात अहम साबित हो सकती है।
दो दिन से चल रही है हलचल
मध्यप्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन तय कर कांग्रेस काफी उत्साहित है, वहीं अब समाजवादी पार्टी के मुखिया के भोपाल आने और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ उनकी संभावित मुलाकात को लेकर अटकलें लग रही हैं।
कमलनाथ और अखिलेश की होगी खास मुलाकात
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली से बुधवार शाम को भोपाल पहुंच गए। जबकि गुरुवार को 11 बजे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहुंच जाएंगे। माना जा रहा है कि गुरुवार को दोनों दिग्गजों की मुलाकात हो सकती है। इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। बसपा के बाद समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसे मुलाकात को आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी और 2019 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
पूर्व राज्यपाल से भी करेंगे मुलाकात
इस दौरान गुरुवार को अखिलेश यादव पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान कुछ खास मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
-इसके बाद 20 जुलाई शुक्रवार को अखिलेश यादव कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के साथ भोज में शामिल होंगे।
अखिलेश तो पहले ही कर चुके हैं घोषणा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव तो 6 जून को एक प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।
MP में यह है स्थिति
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का विंध्य, बुंदेलखण्ड और ग्वालियर-चंबल संभाग के 14 जिलों में प्रभाव है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा चार सीटों पर चुनाव जीती थी। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 62 सीटें ऐसी रहीं जहां बसपा प्रत्याशी ने 10 हजार से ज्यादा और 17 सीटों में 30 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इसी ताकत के बल पर कांग्रेस पार्टी बसपा से गठबंधन चाहती है।