किसान संतुष्ट नहीं होंगे तो दोबारा सर्वे कराया जाएगा। सरुल्लागंज के ओलावृष्टि प्रभावित पिपलानी, चिचली, किसनगंज, बाईबोड़ी, इटावा खुर्द, बोरखेड़ा और हमीदगंज का दौरा किया। उन्होंने खेतों मेें जाकर ओलावृष्टि से तबाह हुई फसल को देखा और प्रभावित किसानों से बातचीत की। हमीदगंज में उन्होंने कहा, प्रभावित किसानों को 50 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने पर 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। उन्हें बीमा दावे की 25 प्रतिशत राशि तत्काल देंगे। इस साल प्रभावित किसानों से बैंक कर्ज की वसूली नहीं करेंगे। किसानों को खाद-बीज के लिए बिना ब्याज पर कर्ज देंगे। किसानों की संतानों की स्कूल-कॉलेज की फीस और शादी के लिए आर्थिक मदद करेंगे।
मुख्यमंत्री ने सीहोर जाने से पहले सीएम हाउस में अफसरों की बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए। सीएम ने फसलों के नुकसान की जानकारी ली। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 13 जिलों के 621 गांवों में फसल बर्बाद हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान भोपाल, विदिशा, और सीहोर जिलों में हुआ है। लगभग 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र ओलावृष्टि से प्रभावित है। बीना के जौध गांव में ओलावृष्टि से अपनी फसल को तबाह देखकर सदमे में आए किसान बुद्धे रजक खेत में ही बेहोश हो गया। उसे सिविल अस्पताल लाया गया, जहां से उसे सागर रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार उसे दिल का दौरा पड़ा है। उसके तीन एकड़ खेत में गेहूं, मसूर की फसल बर्बाद हो गई। खेती ही उसके दस सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण होता है।