मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में करीब एक दर्जन प्रस्ताव रखे जाएंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रियल एस्टेट सेक्टर के लिए आवास नीति 2007 में बदलाव का है। अभी दो हैक्टेयर यानी पांच एकड़ जमीन पर ही प्लांटिंग की जा सकती है, लेकिन इस संशोधन के बाद इससे कम जमीन पर भी प्लाटिंग हो सकेगी। इसका फायदा छोटे कॉलोनाइजर्स को मिलेगा। इसके अलावा अवैध तरीके से कम जमीन पर प्लाटिंग करने की समस्या भी कम होगी, जिससे नई अवैध कॉलानियां पनपने पर अंकुश लगेगा।
अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगेगा
प्रदेश में कुल 5,197 अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें से अधिकांश वे कॉलोनी है जो शहर के आस-पास 5 एकड़ से कम जमीन पर बनी हैं। पूर्वीवर्ती भाजपा सरकार ने 8 मई 2018 को अवैध कॉलोनियों को वैध करने की शुरुआत की थी। उसके अनुसार 4,759 कॉलोनी को वैध करने के लिए चिन्हित किया था। इनमें तकरीबन 2,37,950 परिवार रहते हैं। इनमें से कुछ कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही भी की गई। इसी बीच ग्वालियर की हाईकोर्ट बैंच ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए लगाई गई धारा 15-ए को ही खारिज कर दिया।
150 करोड़ का टर्नओवर जरूरी
सरकार ब्रांडेड होटल प्रोत्साहन नीति 2019 ला रही है। इसमें 150 करोड़ रुपए सालाना के टर्नओवर वाले गु्रप को ही दायरे में लिया जाएगा। गु्रप की नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए होना भी अनिवार्य रहेगा। इसके अलावा गु्रप होटल्स की न्यूनतम 150 कक्ष संचालित होना और कम से कम दस इकाई यानी होटल संचालित होना भी जरूरी है। इसके अलावा होटल को कम से कम 100 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। वही ब्रांडेड रिर्सोट के लिए 50 करोड़ नेटवर्थ, 100 करोड़ सालाना टर्नओवर व 30 करोड़ का निवेश जरूरी है। इसी तरह हेरिटेज होटल के लिए 50 करोड़ नेटवर्थ, 100 करोड़ सालाना टर्नओवर व 30 करोड़ का निवेश अनिवार्य होगा। इस दायरे में फाइव व फोर स्टार होटल इंड्रस्टी ही आ सकेगी। इन होटल्स गु्रप को दस साल या उससे ज्यादा समय के लिए जमीन की लीज भी दी जाएगी।