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घूस पर दो अफसरों में तू-तू-मैं-मैं, बहस देख सीएस उठकर चले गए

locationभोपालPublished: Sep 13, 2016 10:27:00 am

Submitted by:

Anwar Khan

बैंक एजेंट भुगतान के नाम पर मजदूरों से घूस मांग रहे हैं। इसी को लेकर मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने बैठक बुलाई थी।

vivek agarwal and radheshyam julaniya

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भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रही मनरेगा योजना के मजदूरों का वेतन लंबे समय से अटका हुआ है। बैंक एजेंट वेतन देने के लिए मजदूरों से घूस मांग रहे हैं। सोमवार को जब मनरेगा की समीक्षा बैठक में इस घूसखोरी का मामला उठा तो दो बड़े अधिकारी एक दूसरे के सामने आ गए। दोनों में भरी बैठक में तीखी बैठक हुई। दोनों एक दूसरे को अपनी सीमा में रहने की हिदायत दे डाली। बैठक में मुख्य सचिव एंटोनी डिसा भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों की बहस देखकर डिसा बैठक से उठकर चले गए। आइए जानते हैं फिर क्या हुआ….




ऐसे शुरू हुई बहस
मनरेगा की समीक्षा बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आरएस जुलानिया और मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल आपस में भिड़ गए। मामला शहडोल में मजदूरों का रुका हुआ भुगतान कराने का है। बैंक एजेंट भुगतान के नाम पर मजदूरों से घूस मांग रहे हैं। इसी को लेकर मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने बैठक बुलाई थी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त विवेक अग्रवाल मुख्यमंत्री के सचिव की हैसियत से इस बैठक में मौजूद थे।




ये मेरा विभाग है, मैं संभाल लूंगा, आप दखल न दें
विवेक अग्रवाल : मुख्यमंत्री हाल ही में शहडोल दौरे पर गए थे। उन्हें शिकायत मिली थी कि मनरेगा का लेबर पेमेंट करने के लिए जिन इलाकों में बैंकों की ब्रांच नहीं हंै, वहां बैंकों ने एजेंट नियुक्त कर दिए हैं। वे मजदूरों से पेमेंट करने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं। 30 सितंबर तक मजदूरों का भुगतान हो जाना चाहिए।
राधेश्याम जुलानिया: विवेक, डोंट डिक्टेट योर टमज़्। आई विल मैनेज माय डिपार्टमेंट (मेरे विभाग को निर्देशित मत करो, मैं अपने विभाग को संभाल सकता हूं।) 
अग्रवाल: दीज आर माय सजेशन्स (ये मेरे सुझाव हैं)।
जुलानिया: एप्लाई योर सजेशन्स इन योर डिपार्टमेंट (अपने सुझाव अपने विभाग में लागू कीजिए)। 
अग्रवाल: मैं जो सुझाव दे रहा हूं, उनका पालन होना चाहिए। ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव नीलम शम्मी राव आप शहडोल में कैंप करें। कलेक्टर को बुलाएं और हर हाल में 30 सितंबर तक मजदूरों का भुगतान कराएं।




इसलिए शहडोल पर फोकस
आगामी दिनों में अनूपपुर-शहडोल संसदीय सीट पर लोकसभा का उप चुनाव है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार का फोकस इन दोनों जिलों में ज्यादा है।
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