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भोपाल

सीएम कमलनाथ बोले: प्रयास है कि मध्य प्रदेश की मेट्रो ट्रेन दिल्ली की नकल पर बने

– विधानसभा में किया दिल्ली की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला को याद- कहा: शीला दीक्षित के नेतृत्व के कारण दिल्ली की पहचान बनी

भोपालJul 23, 2019 / 08:56 am

दीपेश तिवारी

kamalnath news

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भोपाल। ऐसे राजनेता बहुत कम होते हैं जो केन्द्र में मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल रहा हो। यह योग्यता शीला दीक्षित में थीं। उनका नजरिया अलग था। दिल्ली का विकास उन्हीं की देन है।
मेट्रो ट्रेन के मामले में दिल्ली देश के लिए उदाहरण है। इसका श्रेय दिल्ली पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जाता है।

प्रयास है कि मध्य प्रदेश की मेट्रो ट्रेन दिल्ली की नकल पर बने। सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें याद करते हुए सदन में यह बात कही। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर एनपी प्रजापति ने शीला दीक्षित के निधन का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि 20-30 साल पहले दिल्ली कुछ और था। शीला दीक्षित के नेतृत्व के कारण दिल्ली की पहचान बनी। आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका योगदान हमेशा याद रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि दिल्ली के आधुनिकीकरण में शीला दीक्षित का अहम योगदान रहा है। कॉमनवेल्थ गेम भी उन्हीं के समय हुए। दिल्ली की सीएम रहते वहां का बेहतर विकास हुआ। सदन ने पूर्व विधायक नेमीचंद जैन को भी याद किया।
सदन में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

पीएचक्यू ने शहीद माना, सरकार ने नकारा
विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे की सुरक्षा में पदस्थ उप निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह को पीएचक्यू ने शहीद माना, लेकिन राज्य सरकार ने इसे शहीद का दर्जा नहीं दिया।
इसका खुलासा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के सवाल में जवाब में गृहमंत्री बाला बच्चन ने किया। हर्षवर्धन का 13 जनवरी को नक्सली इलाके में दुर्घटना में निधन हो गया था।

मंत्री ने तर्क दिया कि हर्षवर्धन का प्रकरण असाधारण परिवार पेंशन नियम 1965 की परिधि में नहीं आता। आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति का प्रकरण विचाराधीन है।
नोटबंदी के असर की जानकारी नहीं
नोटबंदी और जीएसटी के बाद प्रदेश में कितने लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग बंद हुए, कितने लोग बेरोजगार हुए। राज्य सरकार के पास इसकी जानकारी नहीं है। प्रताप ग्रेवाल के सवाल के जवाब में मंत्री आरिफ अकील ने यह जानकारी दी।

एक साल में महज 13 फीसदी हुआ काम
मध्यप्रदेश की 7546 करोड़ की लागत वाली नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना का काम एक साल में मात्र 13 फीसदी ही हुआ है। जबकि, इसे वर्ष 2022 में पूरा करने का लक्ष्य है। यह जानकारी भाजपा के सुदेश राय के सवाल के जवाब में नर्मदा घाटी विकास विभाग मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने दी। उन्होंने इस योजना को सीहोर नगर के लिए होने से साफ इनकार किया। परियोजना का निर्माण चार चरणों में होना है।

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