इस संबंध में वसूली के नोटिस भी दुकानदारों के पास भेजे गए हैं, लेकिन दुकानदारों ने कह दिया है कि उनके स्तर से घोटाला नहीं हुआ। उपभोक्ताओं के बयान कराए जा रहे हैं। अप्रैल 2017 में शासन से प्राप्त हुई रिपोर्ट में फर्जी आधार नंबरों से जिले की 38 राशन दुकानों से 60 हजार लोगों का राशन चोरी होना बताया था। पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन सप्लाई करने वाली डीएसके डिजिटल कंपनी और खाद्य विभाग के कुछ अधिकारी संदेह के घेरे में आए, मगर बाद में जांच होते-होते ये मामला सिर्फ 28 हजार लोगों के राशन पर आ गया और डीएसके डिजिटल कंपनी की पीओएस मशीनें और खाद्य विभाग का नामों निशान गायब हो गया। सिर्फ राशन दुकानों के सेल्समैन और सहायक सेल्समैन पर ही गाज गिराई।
डीएसके का कोई जिक्र नहीं
सर्वर में ये फर्जीवाड़ा पीओएस मशीनों के माध्यम से होना बताया था। इसके लिए डीएसके डिजिटल और खाद्य विभाग के कुछ अधिकारी भी जिम्मेदार होते हैं। क्योंकि, मशीन की मॉनिटरिंग का जिम्मा इनका भी होता है, लेकिन रिपोर्ट में एेसा कोई जिक्र नहीं है। जबकि, बिना मिलीभगत के यह घोटाला संभव नहीं है।
चुपचाप भेजी रिपोर्ट
जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने सेल्समैन और सहायक सेल्समैन पर कार्रवाई करने की जानकारी और दुकानदारों से 95 लाख की वसूली करने की रिपोर्ट गुपचुप तरीके से कलेक्टर के माध्यम से शासन के पास भेज दी। इसी के आधार पर दुकानदारों को नोटिस जारी किए, लेकिन राशन दुकानदारों ने पैसे जमा कराने से हाथ खड़े कर दिए।
* इस संबंध में एक रिपोर्ट शासन के पास भेजी जा चुकी है। आप अधिक जानकारी जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी से कर लें
– सुदाम पी. खाड़े, कलेक्टर
* जांच के बाद जिनके नाम सामने आए हैं उनको ही तो नोटिस जारी करेंगे। इस संबंध में दुकानदारों से ९५ लाख की वसूली के नोटिस जारी किए हैं। उन्हें आपत्ति है तो बयान करा रहे हैं।
– ज्योतिशाह नरवरिया, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी