आर्किटेक्ट व स्ट्रक्चरल इंजीनियर शैलेंद्र बागरे के अनुसार दोनों जोन को जोडऩे के लिए बापू की कुटिया से लेकर बिजली कार्यालय के बीच अंडरपास बनना चाहिए। फिलहाल यहां एफओबी भी है, लेकिन इसका पूरा उपयोग नहीं हो रहा। करीब सात मीटर चौड़ाई और 30 मीटर तक लंबाई का अंडरपास दो पहिया, चार पहिया वाहनों की आवाजाही के लिए अच्छा रास्ता बना देगा। उनके अनुसार इस पूरे प्रोजेक्ट में बमुश्किल एक करोड़ रुपए खर्च आएगा। यानि एक करोड़ रुपए के खर्च से एमपी नगर के दोनों जोन की आवाजाही की दिक्कत दूर की जा सकती है।
– बोर्ड ऑफिस से ज्योति टॉकीज चौराहे के बीच लगने वाला जाम खत्म हो जाएगा।
– बोर्ड ऑफिस चौराहा और ज्यौति टॉकीज चौराहे का भार 50 फीसदी तक घटेगा। जिन्हें चेतकब्रिज होकर आगे जाना है वे ही इसका उपयोग करेंगे।
– मल्टीलेवल पार्र्किंग का लाभ जोन दो में आने वालों को भी मिलेगा। वे अपने वाहन लेकर अंडरपास से सीधे मल्टीलेवल तक पहुंच जाएंगे।
– एमपी नगर में बिना ट्रैफिक में फंसे दोनों जोन में आवाजाही आसान होगी, एफओबी का उपयोग भी बढ़ जाएगा।
दोनों जोन की और आवाजाही करने वालों की वजह से ज्योति टॉकीज चौराहा शहर का सबसे व्यस्ततम चौराह बन गया है। बोर्ड ऑफिस से ज्योति टॉकीज चौराहा की 200 मीटर की दूरी तय करने में वाहन चालकों को 15 मिनट तक लग जाते हैं। दोनों के बीच कोई दूसरा रास्ता नहीं होने से मजबूरी में लोग जाम में फंसते हैं। व्यापारी प्रेमगुरू का कहना है कि दोनों जोन के बीच आवाजाही आसान होने से एमपी नगर एक सूत्र में बंधेगा, जिसका यहां के व्यापार पर भी सकारात्मक असर होगा।
– आलोक शर्मा, महापौर