उन्होंने आगे लिखा है आज अलग-अलग अखबारों में छपी मुरैना में डिप्टी रेंजर की ट्रेक्टर ट्राली से कुचलकर हत्या करने की खबर पोस्ट की है। उन्होंने लिख कि इसको लेकर मन बेहद व्यथित है। कहना बहुत खरी-खरी है, पर अभी निवेदन है। पहला निवेदन सरकार से है कि ऐसे मामले में मुआवजा राशि कम से कम दो करोड़ रुपए तत्काल करें, दूसरा निवेदन अफसरों से किया है कि कुछ करने अब और कौन से उपयुक्त समय का इंतजार है। आंच अब हमारे घर तक आ गई है। कानून का राज होना और दिखाना भी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है।
उठ गया लोगों का सिस्टर पर भरोसा
आइएएस अधिकारी दीपक सक्सेना ने का कि वह इस खबर के बाद काफी व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी सिस्टम पर पूरा भरोसा लोगो ंका उठता जा रहा है। पत्रिका से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन चाहे तो अवैध उत्खनन और परिवहन तो क्या कोई चूं नहीं कर सकता है। प्रशासन का आरा ऐसा हे कि ट्रेक्टर ट्राली राकने पर किसी अधिकारी की जान चली जाती है। यही अधिकारी अगर इसे मजबूरी में छोड़ देते तो जमाने के लोग यही कहते कि अधिकारी भ्रष्ट हैं।
पहले पुलिस की बर्दी में खड़ा एक व्यक्ति पूरी भीड़ को संभलता था, अब तो 100 पुलिसकर्मी भी छोटी से भीड़ नियंत्रित नहीं सकते हैं। यह तो आलम सरकारी नौकरी और बर्दी बालों की है, तो गलत काम को रोकने की हिम्मत आम आदमी कैसे जुटा सकता है। उन्होंने कहा कि सकार ने मृत रेंजर के लिए जो राहत राशि दी है वह सराहनीय है।