इसको लेकर विसर्जन घाट पर निर्माण के समय से ही सिंधी समाज द्वारा प्रतिमा स्थापित करने की मांग की जा रही है। निर्माण के बाद भी आज तक जिम्मेदारों ने प्रतिमा नहीं लगवाई। सिंधी समाज के लोगों ने जिम्मेदारों को अवगत कराने के साथ ही जल्द से जल्द यहां पर प्रतिमा लगाए जाने की मांग की है।
उधर, लाखों रुपए की लागत से बनाया गया झूलेलाल पार्क बदहाल हो रहा है। पार्क में अव्यवस्थाएं होने के कारण यहां आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां जनसुविधा के लिए शौचालय बनाया गया था, लेकिन उसमें ताला लगा रहता है। पत्रिका ने इस संबंध में जानकारी ली तो पता चला कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शौचालयों में तोडफ़ोड़ कर दी गई थी, जिससे ताला लगाना पड़ा। पार्क में असुविधा होने से लोग यहां आने से कतराने लगे हैं।
पार्क में नहीं बन सकी कैंटीन
झूलेलाल पार्क में पिकनिक स्पॉट बनाने के साथ ही कैंटीन की मांग की जा रही है। यहां बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित पहुंचते हैं। वहीं गर्मी के दिनों में पार्क में यह संख्या और ज्यादा बढ़ जाती है। लोगों को सुविधाएं नहीं मिलने से परेशानी होती है। पार्क में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। साथ ही यहां परिवार के साथ आने वाले लोगों को खाने पीने की चीजें मुहैया नहीं हो पाती हैं।
सीहोर नाका क्षेत्र में विसर्जन घाट का निर्माण और नामकरण तो कर दिया गया, लेकिन जिनके नाम से पार्क बना है उनकी प्रतिमा आज तक नहीं लगाई गई है। जबकि यहां पर सबसे पहले प्रतिमा लगाई जाना चाहिए थी।
अर्जुन जैसवाल, स्थानीय रहवासी
लाखों रुपए की लागत से पार्क का निर्माण किया गया है, इसके बाद भी पार्क की हालत खस्ताहाल बनी हुई है। देखरेख के अभाव में पार्क बदहाल हो रहा है। जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
कुमेर सिंह यादव, रहवासी