उप्र एटीएस टीम की गिरफ्त में होने के बावजूद दोनों ने कोर्ट रूम से बाहर निकलने के समय नारे लगाए। दोनों को अदालत ने 12 जुलाई तक ट्रांजिट रिमांड पर एटीएस उप्र को सौंप दिया। इन्हें लखनऊ ले जाया गया है। अदालत ने एटीएस को निर्देश दिए हैं कि दोनों को लखनऊ अदालत में 12 जुलाई को पेश करें। मजिस्टे्रट रोहित श्रीवास्तव ने मंगलवार को यह आदेश दिए हैं।
एटीएस उप्र के निरीक्षक शैलेन्द्र त्रिपाठी ने मनीष श्रीवास्तव उर्फ राकेश और उसकी पत्नी ऊषा को अदालत में पेश कर बताया कि दोनों के खिलाफ नक्सली गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज है। लखनऊ अदालत में पेश करने के लिए दोनों को ट्रांजिट पर सौंपा जाए।
एक बोगस बैंक खाता और कई दस्तावेज जब्त
मनीष व पत्नी वर्षा ऊर्फ अनीता श्रीवास्तव के पास से उप्र एटीएस की टीम को एक दर्जन फर्जी आईडी कार्ड मिले हैं। 6 मतदाता परिचय पत्र और 6 नकली आधार कार्ड मिले हैं। जिन पर मप्र और उप्र के अलग-अलग पते दर्ज है। दोनों ही भोपाल में राकेश-रश्मि बनकर रहे रहे थे।
इसके पहले दोनों का मूवमेंट झारखंड, तेलंगाना में भी होना पाया गया है। इनके घर से करीब सवा लाख रुपए नगद और करीब 20 सिम कार्ड भी मिले हैं। एटीएस को आशंका है कि इन दस्तावेजों का अलग-अलग जगह इस्तेमाल किया जाता था। इनके पास से तीन लैपटॉप भी एटीएस ने जप्त किया है, जिनमें नक्सली विचारधारा संबंधी साहित्य व अन्य सामग्री है।
एसबीआई का एक फर्जी बैंक खाता भी एटीएस को मिला है। दोनों ही आजीविका के लिए किसी रोजगार से नहीं जुड़े पाए गए, ऐसे में आशंका है कि दोनों को कहीं से फंडिंग हो रही होगी। एटीएस इसकी जांच कर रही है। दोनों ही भोपाल के 40 विकास कुंज, त्रिलंगा में करीब 5 साल से रह रहे थे।
दरअसल उप्र की एटीएस टीम ने चार जगह छापे मारे, इनमें से नक्सली विचारधारा रखने वाले इस दंपत्ति को भी गिरफ्तार किया गया है। एडीजी, एडीएस, उप्र असीम अरुण के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, डाटा एक्सट्रेक्शन और दंपत्ती के फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों का पता लगाकर उनसे भी पूछताछ की जाएगी। दोनों ने कूट रचना के आरोप में भी इनसे पूछताछ की जाएगी।