नकारात्मकता से कम हेाती है इम्यूनिटी
भोपालPublished: Apr 23, 2021 05:51:12 pm
तनाव दूर करने कोरोना की अनावश्यक सूचनाएं सर्च न करें लोग
मनोचिकित्सकों की लोगों को सलाह
भोपाल : प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में रोजाना दस हजार से ज्यादा नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में लोगों में तनाव बढ़ रहा है। मनोचिकित्सकों ने लोगों को कुछ टिप्स दिए हैं, जिन पर अमल कर तनाव से बचा जा सकता है। वहीं लोग भी अपने-अपने तरीकों से खुद को सकारात्मक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। होम आईसोलेशन में रहने वाले लोगों को सरकार योग से निरोग कार्यक्रम चला रही है तो पुलिसकर्मियों को यूट्यूब चैनल से किस्सागोई के जरिए तनावमुक्त रहने का तरीका अपनाया गया है। स्कूली बच्चों को मेडिटेशन कराकर मानसिक मजबूती दी जा रही है।
कोरोना की डेथ रेट सर्च न करें लोग :
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि नकारात्मकता हमारी इम्यूनिटी को कमजोर करती है। इसलिए लोगों को ओवर इन्फार्मेशन यानी अनावश्यक सूचनाओं से बचना चाहिए। लोग सकारात्मक रहने के लिए कोरोना से जुड़े सूचनाएं जैसी डेथ रेट, नया ट्रेंड, म्यूटेंट जैसी बातें सर्च न करें। वे सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और वैक्सीनेशन के जरिए ही कोरोना से बच सकते हैं। यदि किसी को ऑक्सीजन बेड नहीं लगा तो ये उसका देश पर अहसान होगा। लोग अपनी स्किल्स सुधारें, परिवार के साथ वक्त बिताएं। यदि वे कोरोना पॉजिटिव हो भी गए हैं तो डॉक्टर की निगरानी में रहें और ये मानें कि वे उन 95 फीसदी लोगों में शामिल हैं जिनको घर पर रहकर ही ठीक होने का मौका मिला है।
पुलिसकर्मियों की किस्सागोई :
प्रदेश में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए हैं। प्रदेश के डेढ़ हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं। पीएचक्यू के कई वरिष्ठ अफसर भी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। पुलिसकर्मियों को तनाव से बचाने के लिए एक बार फिर पीएचक्यू नए स्वरुप में अपना यूट्यूब चैनल शुरु कर रहा है। इस चैनल के जरिए पुलिस जवानों को तनाव मुक्त रहने के गुर सिखाए जाएंगे। इसके अलावा यूट्यूब चैनल पर किस्सागोई भी होगी जिसमें वरिष्ठ पुलिसकर्मी बहादुरी के किस्सों को उनके साथ शेयर करेंगे। जवानों को इसके जरिए इंग्लिश, नई स्किल्स और कानून संबंधी जानकारी दी जाएगी।
बच्चों को मेडिटेशन :
स्कूल शिक्षा विभाग बच्चों को मेडिटेशन करा रहा है। पहली से आठवीं तक के बच्चे घर में रहकर ही योग, प्राणायाम और मेडिटेशन कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का मकसद बच्चों को शारीरिक और मानसिक रुप से मजबूत बनाना है। इस कठिन समय में बच्चों को मानसिक सहारे की जरुरत है और मेडिटेशन, ध्यान उनको संबल प्रदान करता है। स्कूल शिक्षा विभाग मानता है कि बच्चों को पढ़ाई का नुकसान हुआ है लेकिन उनको मानसिक रुप से मजबूत बनाकर इस नुकसान को कम किया जा कसता है।