आयोग ने मंगलवार को सुल्तानिया लेडी हॉस्पिटल के अधीक्षक सहित रिपोर्ट बनाने वाली दोनों डॉक्टरों से पूछताछ की। जीएमसी डीन को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने कहा, इस गलती के लिए सिर्फ निलंबन की कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। जिम्मेदार डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन निरस्त होना चाहिए। इससे पीडि़ता की छवि खराब हो सकती थी। गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन एमसी सोनगरा से स्पष्टीकरण मांगा गया है। रिपोर्ट बनाने वाली डॉ. खुशबू, डॉ. संयोगिता व उस समय मौजूद सीनियर ड्यूटी डॉक्टर का मेडिकल रजिस्ट्रेशन भी निरस्त करने की अनुशंसा की जाएगी।
ये है मामला:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 19 साल की छात्रा से हबीबगंज स्टेशन के पास 4 लोगों ने 31 अक्टूबर को गैंगरेप किया। इसके बाद पहले तो पुलिस द्वारा मामले को लेकर टालमटोल की जाती रही, फिर जैसे तैसे इस मामले में रिपोर्ट हुई।
वहीं इसके बाद गैंगरेप के मामले में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई। जहां पीड़िता की पहली मेडिकल रिपोर्ट में इसे डॉक्टरों ने आपसी सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध करार दिया। इस मामले के सामने आने पर उठे विवाद के बाद अस्पताल प्रशासन ने रिपोर्ट में सुधार किया।
दरअसल, गैंगरेप पीड़िता का मेडिकल परीक्षण सुल्तानिया लेडी अस्पताल में किया गया।
मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर ने इसे सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध बता दिया। बाद में अस्पताल के डॉ. करण पीपरे ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि नई डॉक्टर के कारण यह गलती हुई है। संशोधित रिपोर्ट जारी कर दी गई। उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त अजातशत्रु श्रीवास्तव ने डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
हमारे पास डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने का प्रस्ताव नहीं आया है। संबंधित विभाग जब यह प्रस्ताव भेजेगा तब उस पर काउंसिल विचार करेगी।
– पुरुषोत्तम शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार मप्र मेडिकल काउंसिल आयोग की अनुशंसा अभी हमारे पास नहीं आई है। अनुशंसा आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. एमसी सोनगरा, डीन गांधी मेडिकल कॉलेज