कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिससे शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं। कैंसर शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता है। सबसे पहले शरीर के किसी एक हिस्से में होने वाले कैंसर को प्राइमरी ट्यूमर कहते है जिसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाला ट्यूमर मैटास्टेटिक या सेकेंडरी कैंसर कहलाता है।
इस बात को सभी जानते हैं कि कैंसर पर नियंत्रण के लिए कीमोथेरेपी बहुत की कारगर और सफल उपचार है। यदि कैंसर अपने आखिरी स्टेज में है तब भी कीमोथेरेपी के जरिए इस पर काफी हद तक नियंत्रण हो जाता है। कीमोथेरेपी कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसके कई साइड-इफेक्ट्स भी होते हैं। कीमोथेरेपी के कारण थकान, नींद न आना, उल्टियां होना, मुंह में घाव, बालों का झड़ना, खून की कमी जैसी शिकायत हो सकती है। जिनमें सबसे आम है बालों का झड़ जाना।
कैंसर सेल को कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के समय मरीजों को जो दवाएं दी जाती हैं, उनसे बाल स्थायी रूप से झड़ जाते हैं। आपको बता दें कि एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि आने वाले समय में कीमो से बालों के झड़ने वाले साइड इफेक्ट को कम किया जा सकता है। इसके लिए रिसर्चर की टीम ने कुछ नए तरह की दवाएं बताई हैं, जो कैंसर के इलाज के दौरान होने वाले कोशिका विभाजन को रोक देती हैं और मरीज के बालों पर इसका कोई प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।
बता दें कि ई एम बी ओ मोलकुलर मेडसिन नाम के जर्नल में प्रकाशित हुई इस रिसर्च में वैज्ञानिकों के दुवारा बताया है कि इस समस्या को रोकने के लिए खास अवरोधकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन अवरोधकों को CDK4/6 नाम दिया गया है। कैंसर के इन नए तरीके के ट्रीटमेंट को ‘टारगेटेड ट्रीटमेंट’ नाम दिया गया है।
रिसर्चर बताते है कि कैंसर मरीज के अंदर हमेशा से ही बालों के खो जाने का डर देखा गया है। मरीज को यह तनाव पहले से ही हो जाता है कि उसके बाल चले जाएंगे लेकिन अब इस नई दवा से तनाव से छुटकारा पाया जा सकेगा।