मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेलवे ने पूर्व के रेल बजट की तुलना में इस बार १२ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किए जाने की मांग वित्त मंत्री से की थी, लेकिन वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है कि वे रेलवे बजट में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी नही करेंगे। जानकारी के अनुसार रेलबजट में लगभग ४ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की किए जाने का अनुमान है। एेसे में आय की अनुपब्धता के चलते रेलवे अधिक से अधिक कटौती नवीन खर्चों पर करेगा। इसमें सबसे अधिक मार नई ट्रेनों को चलाने की मांग पर पड़ेगी।
सांसद आलोक संजर ने कहा कि भोपाल से पुणे, बैंगलोर और छपरा के लिए नई ट्रेनें चलाने की मांग हमने रेलमंत्री महोदय से कर रखी है। हमे उम्मीद है कि इस बार हमारी ये नई ट्रेनों की मांग जरूर पूरी होगी। बजट के पहले जल्द ही इस संबंध में हम रेलमंत्री महोदय से बात करेंगे। भोपाल को इस बार ट्रेन मिलनी ही चाहिए।
नई ट्रेनों के संचालन में बजट की कमी सबसे बड़ी बाधा है। जेडआरयूसीसी मेंबर रहते हुए मैने रेलवे की आय बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए थे। रेलवे चाहे तो थोड़ी सावधानी और नियमों का पालन कर सालाना एक लाख करोड़ रुपए बचा सकता है, लेकिन एेसा लगता है कि रेलवे के अधिकारी स्वयं एेसा नही करना चाहते।
लाल चक्रधर, पूर्व जेडआरयूसीसी मेंबर जेडआरयूसीसी मेंबर नीतेश लाल ने कहा कि इस बार के रेल बजट से हमें पूरी उम्मीद है कि भोपाल को कम से कम तीन नई टे्रनें मिलनी चाहिए। इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही सांसद महोदय के समक्ष बात रखी जाएगी।