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भोपाल

सीवेज खुले में बहाने वाले बिल्डर पर लगाया 17 करोड़ जुर्माना

एनजीटी ने विशेषज्ञ समिति को प्रोजेक्ट की लागत का 10 फीसदी पर्यावरण क्षति हर्जाना वसूलने के दिए थे निर्देश, अब एक माह में सभी काम पूरे करने दिया आदेश

भोपालAug 04, 2021 / 11:35 pm

सुनील मिश्रा

ngt

Order of NGT bypassed in bhilwara

भोपाल। करोंद बायपास स्थित द्वारकाधाम कॉलोनी में सीवेज खुले में बहाने और रहवासियों को गंदा पानी सप्लाई करने के मामले में एनजीटी द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने कॉलोनाइजर से 17 करोड़ रूपए का पर्यावरण क्षति हर्जाना वसूलने की सिफारिश की है। समिति ने प्रोजेक्ट की कुल लागत का 10 प्रतिशत सहित पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन के मान से जुर्माना आकलित कर रिपोर्ट पेश की जिसे एनजीटी ने स्वीकार कर लिया। हालांकि बिल्डर ने यह कहते हुए हर्जाना जमा करने में असमर्थता जताई कि उसके बैंक खाते सीज हैं। एनजीटी ने बिल्डर को एक माह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू करने और रहवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच ने रिटायर्ड मेजर जनरल हरप्रीत सिंह बेदी की याचिका पर ऑनलाइन सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। गठित समिति में केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय , सीपीसीबी, एमपी स्टेट एनवायरमेंटल इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी और एमपीपीसीबी के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया था। समिति ने प्रोजेक्ट की लागत और जमीन की कीमत का 10 फीसदी के हिसाब से 17 करोड़ 16 लाख पर्यावरण क्षति हर्जाना आकलित किया है। समिति की जांच में यह भी सामने आया है कि द्वारकाधीश हवेली बिल्डर ने न तो पीसीबी से कंसेंट ली है और न सिया से पर्यावरणीय अनुमति ली है। बिना अनुमतियों के निर्माण कर दिया। पीसीबी ने भी बताया कि जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में बिल्डर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया जा चुका है। इसके पहले 30 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया था लेकिन वह भी बिल्डर ने जमा नहीं किया। बिल्डर ने भी उपस्थित होकर सुनवाई के दौरान बताया कि एसटीपी का कुछ काम हो चुका है और कुछ बाकी है। इसके साथ साफ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम से नर्मदा का कनेक्शन लिया जा रहा है। यह काम पूरा होने में थोड़ा समय लगेगा। सुनवाई के दौरान रिटायर्ड मेजर जनरल हरप्रीत सिंह बेदी ने भी इसकी पुष्टि की कि कुछ काम हो गया है। इसके बाद एनजीटी ने आदेश का पालन करने के लिए एक माह का समय दिया है।

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