एनजीटी ने नगर निगम को रीटेंडरिंग के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। इसके साथ यह भी कहा है कि इस समय में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर जवाब पेश करें। इससे अधिक समय नहीं दिया जाएगा। पिछले तीन साल से यह मामला चल रहा है लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हो पाया। एनजीटी की सेंट्रल जोनल बेंच ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विनोद कुमार कोरी की याचिका पर सुनवाई की।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले जिस कंपनी को काम सौंपा गया था वह इसलिए अलग हो गई थी क्योंकि वह एक हजार स्लॉटरिंग क्षमता से अधिक का स्लॉटर हाउस बनाने वाली थी। जबकि निगम परिषद की मांग पर एनजीटी ने 200 क्षमता का स्लॉटर हाउस बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की गई थी। लेकिन किसी ने इसमें रूचि नहीं दिखाई ।
हमीदिया में हीमोफिलिया मरीजों के लिए बनेगा अलग वार्ड हीमोफिलिया फेडरेशन ऑफ इंडिया, हीमोफिलिया सोसाइटी भोपाल एवं गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के द्वारा मंगलवार को जीएमसी में हीमोफिलिया शिविर व ओपन क्लीनिक का आयोजन किया गया।
इसमें विशेषज्ञों ने बताया कि नियमित व्यायाम और खासकर एक्वाथेरेपी से हीमोफिलिया में होने वाले रक्तस्राव को नियंत्रित किया जा सकता है। शिविर में हीमोफिलिया से पीडि़त मरीजों के लिए हमीदिया अस्पताल में अलग वार्ड बनाने की मांग भी उठी। इस पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ एके श्रीवास्तव ने इन मरीजों के लिए अलग वार्ड बनवाने का आश्वासन दिया।
डॉ रीनी मलिक प्रोफेसर एवं हेड पैथोलॉजी विभाग ने हीमोफिलिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। हीमोफिलिया सोसाइटी भोपाल पैट्रन डॉ वीके भारद्वाज ने मरीज़ों को हीमोफिलिया के उपचार, निदान व जांच संबंधी बारीकियों से अवगत कराया । ओपन क्लीनिक में हमीदिया अस्पताल के विभिन्न विभागों से आये विशेषज्ञों ने मरीज़ो को परामर्श दिया।