लगातार शिकायतें आने के बावजूद खाद्य एवं औषधि विभाग गली गली खुली स्ट्रीट फूड की जांच नहीं करते। अधिकारियों का कहना है कि वे एक्ट की कमी के चलते इन ठेलों की जांच नहीं कर पाते।
एक घर के पांच सदस्य हो गए बीमार
बीते शुक्रवार को हमीदिया अस्पताल में एक ही परिवार के चार सदस्यों को भर्ती किया गया था। सभी को पेट दर्द ओर उल्टी की शिकायत हो रही थी। डॉक्टर से इटिंग हिस्ट्री के बारे में पूछा तो पता चला सभी ने सड़क किनारे चाइनीज फूड खाया था। इसके बाद चारों को उल्टी दस्त की शिकायत हुई और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उठाते हैं एक्ट की कमी का फायदा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किसी भी खाद्य पदार्थ का सैंपल लेने के लिए कम से कम दो किलो खाद्य सामग्री की जरूरत होती है। अधिकारियों का कहना है कि ठेलों पर इतनी बड़ी मात्रा में यह खाद्य पदार्थ नहीं मिलते इसलिए इनके सैंपल नहीं होते। इसी तरह पानी सैंपल के लिए 16 लीटर से ज्यादा पानी होना चाहिए। यही नहीं केन के सैंपल के लिए 30 कैन होना जरूरी है।
बीते शुक्रवार को हमीदिया अस्पताल में एक ही परिवार के चार सदस्यों को भर्ती किया गया था। सभी को पेट दर्द ओर उल्टी की शिकायत हो रही थी। डॉक्टर से इटिंग हिस्ट्री के बारे में पूछा तो पता चला सभी ने सड़क किनारे चाइनीज फूड खाया था। इसके बाद चारों को उल्टी दस्त की शिकायत हुई और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उठाते हैं एक्ट की कमी का फायदा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किसी भी खाद्य पदार्थ का सैंपल लेने के लिए कम से कम दो किलो खाद्य सामग्री की जरूरत होती है। अधिकारियों का कहना है कि ठेलों पर इतनी बड़ी मात्रा में यह खाद्य पदार्थ नहीं मिलते इसलिए इनके सैंपल नहीं होते। इसी तरह पानी सैंपल के लिए 16 लीटर से ज्यादा पानी होना चाहिए। यही नहीं केन के सैंपल के लिए 30 कैन होना जरूरी है।
किस खाने में क्या होती है मिलावट…
चाउमीन या अन्य चाइनीज व्यंजन: सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसे चटपटा बनाने के लिए अजीनोमोटो का उपयोग किया जाता है। यह मोनो सोडियम ग्लूकोनाइट (एमएसजी), अजीनोमोटो एक सोडियम साल्ट है, जो स्वाद ग्रंथियों को नुकसान पहुंचाती है। स्वाद महसूस करने की क्षमता खत्म हो जाती है।
चाउमीन या अन्य चाइनीज व्यंजन: सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसे चटपटा बनाने के लिए अजीनोमोटो का उपयोग किया जाता है। यह मोनो सोडियम ग्लूकोनाइट (एमएसजी), अजीनोमोटो एक सोडियम साल्ट है, जो स्वाद ग्रंथियों को नुकसान पहुंचाती है। स्वाद महसूस करने की क्षमता खत्म हो जाती है।
नुकसान : एमएसजी के ज्यादा उपयोग से रेटिना, आंखों की रोशनी पर असर। न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, याददाश्त कमजोर। मोटापा। पावभाजी : पावभाजी में भी कई सस्ते मसाले और साधारण तेल का उपयोग किया जाता है। इन तेलों में आर्गमोन रसायन की मिलावट की जाती है। यही नहीं काली मिर्च की जगह जंगली फ ली का इस्तेमाल होता है।
नुकसान : आर्गमोन से साल्मोनेला पाइजनिंग होती है। जंगली फ ली पेट के लिए नुकसानदेय होता है।
नुकसान : आर्गमोन से साल्मोनेला पाइजनिंग होती है। जंगली फ ली पेट के लिए नुकसानदेय होता है।
आलू टिकिया : टिकिया को ज्यादा कुरकुरा बनाने बेकिंग सोडा की मिलावट की जाती है। बेकिंग सोडा में सोडियम काबोर्नेट होता है।
नुकसान : इसके ज्यादा उपयोग से लीवर सम्बन्धी परेशानियां हो जाती हैं। मैदे की खराबी से पेट के दूसरे रोग होते हैं।
गोलगप्पे : पानी को खट्टा मीठा और चटपटा बनाने के लिए टार्टरिक एेसिड के साथ सोडा और सल्फ र की मात्रा डाली जाती है।
नुकसान : सल्फ र से अल्सर और लीवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं टार्टरिक एसिड से अग्नाशय में सूजन और अन्य गंभीर दिक्कतें होती हैं।
नुकसान : इसके ज्यादा उपयोग से लीवर सम्बन्धी परेशानियां हो जाती हैं। मैदे की खराबी से पेट के दूसरे रोग होते हैं।
गोलगप्पे : पानी को खट्टा मीठा और चटपटा बनाने के लिए टार्टरिक एेसिड के साथ सोडा और सल्फ र की मात्रा डाली जाती है।
नुकसान : सल्फ र से अल्सर और लीवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं टार्टरिक एसिड से अग्नाशय में सूजन और अन्य गंभीर दिक्कतें होती हैं।
आमलेट : खराब ब्रेड और तेल का उपयोग होता है। अंडों की वैरायटी का कुछ पता नहीं होता है।्र
नुकसान : पेट की बीमारियां, फूड पाइजनिंग का खतरा। गन्ने का रस: मीठा करने के लिए शक्कर की जगह सैकरिन और गंदे बर्फ का उपयोग
नुकसान : सैकरीन पैंक्रियाज के लिए अति हानिकारक है
नुकसान : पेट की बीमारियां, फूड पाइजनिंग का खतरा। गन्ने का रस: मीठा करने के लिए शक्कर की जगह सैकरिन और गंदे बर्फ का उपयोग
नुकसान : सैकरीन पैंक्रियाज के लिए अति हानिकारक है
विशेषज्ञ की बातअजीनोमोटो सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। इससे इससे दिमाग, आंख की समस्याएं हो सकती हैं। दूसरे केमिकल से भी अल्सर, लिवर कैंसर का खतरा रहता है। कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा बढ़ जाती है। इस प्रकार के खाने से बचना चाहिए।
– डॉ. आदर्श वाजपेयी, मेडिसिन
– डॉ. आदर्श वाजपेयी, मेडिसिन