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ऑक्सीजन खत्म होने से गुस्साए परिजन ने सुबह हंगामा भी किया। अस्पताल में हालात संभालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही भोपाल के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से छह कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, पीपुल्स अस्पताल में रविवार रात 3.30 बजे ऑसीजन की कमी के चलते मरीजों को दी जा रही प्राणवायु का प्रेसर कम हो गया था। इस दौरान आइसीयू में भर्ती 60 मरीजों की सांसें ऊपर-नीचे होती रहीं। ऑक्सीजन टैंकर सुबह 10 बजे पहुंचा।
ऑक्सीजन लेकर खड़े रह गए परिजन ऑक्सीजन की कमी होने पर कुछ मरीजों ने परिजनों को फोन लगाकर स्थिति बताई। कुछ परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल भी पहुंचे, लेकिन उन्हें गेट पर ही मना कर दिया। परिजनों ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने का आरोप लगाया है। मौके पर एसडीएम गोविंदपुरा मनोज वर्मा और पुलिस बल भी पहुंच गया। इस मामले में पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. राजेश कपूर का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी हुई ये बात सही है, लेकिन इससे मौत को जोडऩा गलत है। अस्पताल के डॉ. अनिल दीक्षित के अनुसार, जिनकी मौत हुई है, उनका ऑक्सीजन की कमी से लेना-देना नहीं है।
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मेरे सामने ही आठ मरे
प्रगति नगर निवासी प्रत्यक्षदर्शी का दावा वीर सिंह चौहान ने बताया कि उनके परिजन लाखन सिंह चौहान चार दिन से अस्पताल में भर्ती थे। सुबह 6 बजे बताया कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। देखते ही देखते 8 लोग मर गए। इसके बाद हमें भगा दिया।
भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि ऑक्सीजन का प्रेसर कम हुआ था। प्रबंधन ने तत्काल बैकअप ले लिया, सिलेंडर भी लगा दिए थे। ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई। ये गलत जानकारी दी जा रही है।